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एक अरबी हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम के दरबार मे हाजिर हुआ और अ़र्ज किया या रसूलल्लाह! मै कुछ पूछना चहता हूँ! सरकार ने फरमाया कहो!
अर्ज किया; मै अमीर बनना चाहता हूँ फरमाया; क़नाअत इखि्तयार करो अमीर हो जाओगे!

अर्ज किया; मै सबसे बडा आलिम बनना चाहता हूँ!
फरमाया; त़कवा इखितयार करो आलिम बन जाओगे!
अर्ज किया; इज्ज़त वाला बनना चाहता हूँ!
फरमाया; मख़लू़क के सामने हाथ फैलाना बन्द कर दो!
अर्ज किया; अच्छा आदमी बनना चाहता हूँ!
फरमाया; लोगों को फायदा पहुंचाओ!

अर्ज किया;आदिल बनना चाहता हूँ! फरमाया; जिसे अपने लिये अच्छा समझते हो वही दूसरो के लिये पसंद करो!
अर्ज किया; ताक़तवर बनना चाहता हूँ!
फरमाया; अल्लाह पर तवक्कुल (भरोसा) करो!
अर्ज किया;अल्लाह के दरबार मे खास दर्जा चाहता हूँ!
फरमाया; कसरत से जिके् इलाही करो!

अर्ज किया; रिज्क़ मे कुशादगी चाहता हूँ!
फरमाया; हमेशा बावजू रहो!
अर्ज किया; दुआओ की क़बुलियत चाहता हूँ!
फरमाया; हराम न खाओ!
अर्ज किया; ईमान की तकमील चाहता हूँ!
फरमाया; अख्लाक अच्छे कर लो!

अर्ज किया; क़यामत के दिन अल्लाह से गुनाहो से पाक होकर मिलना चाहता हूँ!
फरमाया; ज़नाबत के फौरन बाद गुस्ल किया करो!
अर्ज किया; गुनाहो मे कमी चाहता हूँ!
फरमाया; कसरत से तौबा करो!

अर्ज किया; क़यामत के रोज नूर मे उठना चाहता हूँ!
फरमाया; जु़ल्म करना छोड दो!
अर्ज किया; मै चाहता हूँ! किअल्लाह मेरी पर्दापोशी करे!
फरमाया लोगों की पर्दापोशी करो!
अर्ज किया; रूस्वाई से बचना चाहता हूँ!
फरमाया; जि़ना से बचो!

अर्ज किया; चाहता हूँ अल्लाह और उसके रसूल का महबूब बन जाऊ!
फरमाया; जो अल्लाह और उसके रसूल का महबूब हो, उसे अपना महबूब बना लो!
अर्ज किया; अल्लाह का फरमाबरदार बनना चाहता हूँ!
फरमाया; फ़राइज़ का एहतिमाम करो!
अर्ज किया; एहसान करने वाला बनना चाहता हूँ!
फरमाया; अल्लाह की यूँ बन्दगी करो जैसे तुम उसे या वह तुम्हें देख रहा हो!

अर्ज किया; या रसूलल्लाह क्या चीज गुनाहो से माफी दिलायेगी!
फरमाया; अाँसू , आजिजी़ और बीमारी!
अर्ज किया; क्या चीज़ दोज़ख़ की अाग को ठन्डा करेगी!
फरमाया;दुनिया की मुसीबतो पर सर्ब!
अर्ज किया; अल्लाह के गुस्से को क्या चीज़ ठन्डा करेगी!
फरमाया; चुपके-चुपके सदक़ा और सिला रहमी!

अर्ज किया; सबसे बडी बुराई क्या है!
फरमाया; बुरे अख़लाक़ और बुख्ल(कंजुसी!)
अर्ज किया; सबसे बडी अच्छाई क्या है!
फरमाया; अच्छे अख़लाक़,तवज्जोह अौर सर्ब!
अर्ज किया; अल्लाह के गज़ब से बचना चाहता हूँ!
फरमाया; लोगों पर गुस्सा करना छोड दो!———

इस हदीसे पाक के जरिये कुल मखलूक की मगफिरत फरमा!
व मेरे वालिदेन की मगफिरत अता फरमा
जिस ने भी मुझे दुआ का कहा है उन की नेक और जाइज़ तमन्ना को पूरी फ़रमा ।

अमीन सुम्मा अामीन

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