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एक बूढी औरत थी जो मक्के में उस दौर में रहती थी जब रसूल ऐ खुदा हजरत मुहम्मदﷺ ने लोगों को इस्लाम की बातें बतानी शुरू की, उस बूढी औरत को लोगों ने कहा यह कोई जादूगरहै, उससे दूर रहना क्यूँ की वो जिससे बात करता है या जो उससे मिलता है वो उसकी बातों में आ जाताहै और इस्लाम को अपना धर्म मान लेता है
♥वो औरत इस बात से डर गयी और उसने मक्का छोड़ने का फैसला कर लिया वो अपना सामान ले कर सफ़र पे निकल पडी सामान वजनी था और औरत बूढी
बड़ी मुश्किल से आगे बढ़ पा रही थी उसे रास्ते में एक ख़ूबसूरत शख्स मिला जिसने उसका सामान उठा लिया और बोला कहाँ जाना है बता दो और उस बूढी औरत को उस इलाके के बहार पहुँच दिया रास्ते में वो औरत बताई जा रही थी की एक शख्स मक्के में हैं, जादूगर है ,लोगों को गुमराह कर रहा है, इसीलिए वो उस शख्स की पहुँच से दूर जा रही
♥जब वो बूढी उस ख़ूबसूरत शख्स की मदद से
मंजिल पे पहुँच गयी तो उस औरत ने कहा बेटा तुमने
अपना नाम नहीं बताया कौन हो और कहाँ केहो ?
उस ख़ूबसूरत शख्स ने जवाब दिया मैं वही मुहम्मद सल्ल०
हूँ जिसके बारे में तुम रास्ते में मुझे बता रही थी और जिससे दूर तुम जाना चाह रही हो उस औरत को बड़ाताज्जुब हुआ और उसने पुछा की तुम सब कुछजानते थे फिर भी मुझे मंजिल पे पहुंचा दिया
और मेरी इतनी मदद की | क्यूँ ?
♥रसूल ऐ खुदा हजरत मुहम्मदﷺ ने कहा अल्लाह का हुक्म है कि कमज़ोर, और मजबूर कीमदद करो ,इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो किस धर्म को मानने वाला है | वह बूढी औरत रसूल ऐ खुदा हजरत मुहम्मद ﷺका हुस्ने-सुलूक देखकर अचंभित थी, उसने कहा कि अगर आप ही मुहम्मद ﷺहैं तो मैं आप पर ईमान लाती हूँ,
ग़ोया जिस मज़हब के कानून इतने अच्छे हैं तो उसका पैग़ाम पहुंचाने वाला जादूगर या झूठा कैसे हो सकता
है

As-salam-o-alaikum my selfshaheel Khan from india , Kolkatamiss Aafreen invite me to write in islamic blog i am very thankful to her. i am try to my best share with you about islam.
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