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🔆इन्सान का अपने दुश्मन से इन्तकाम का सबसे अच्छा तरीका ये है कि वो अपनी खूबियों में इज़ाफा कर दे !!
– हज़रत अली

🔆”रिज्क के पीछे अपना इमान कभी खराब मत करो” क्योंकि नसीब का रीज़क इन्सान को ऐसे तलाश करता है जैसे मरने वाले को मौत”
– हज़रत अली

🔆गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो। – हज़रत अली

🔆जो इनसान सजदो मे रोता है। उसे तक़दीर पर रोना नहीं पड़ता।
– हज़रत अली

🔆कभी तुम दुसरों के लिए दिल से दुवा मांग कर देखो तुम्हें अपने लिए मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी ..
– हज़रत अली

🔆किसी की बेबसी पे मत हंसो ये वक़्त तुम पे भी आ सकता है.
– हज़रत अली

🔆किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम न हो क्योंकि तुम्हे उसके हर इक आंसू का क़र्ज़ चुकाना होगा.
– हज़रत अली

🔆जब मेरा जी चाहता है के मैं अपने रब से बात करूँ तो मैं नमाज़ पढ़ता हूँ.
– हज़रत अली

🔆 “जिसको तुमसे सच्ची मोहब्बत होगी, वह तुमको बेकार और नाजायज़ कामों से रोकेगा”
हज़रत अली

🔆किसी का ऐब (बुराई) तलाश करने वाले मिसाल उस मक्खी के जैसी है जो सारा खूबसूरत जिस्म छोड सिर्फ़ ज़ख्म पर बैठती है .
– हज़रत अली

🔆राज्य का खजाना और सुविधाएं मेरे और मेरे परिवार के उपभोग के लिए नहीं हैं, मै बस इनका रखवाला हूँ
– हज़रत अली

🔆अगर किसी के बारे मे जानना चाहते हो तो पता करो के वह शख्स किसके साथ उठता बैठता है ..
– हज़रत अली

🔆इल्म की वजह से दोस्तों में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) होता है दौलत की वजह से दुशमनों में इज़ाफ़ा होता है ।
– हज़रत अली

🔆सब्र को ईमान से वो ही निस्बत है जो सिर को जिस्म से है.दौलत, हुक़ूमत और मुसीबत में आदमी के अक्ल का इम्तेहान होता है कि आदमी सब्र करता है या गलत क़दम उठता है.सब्र एक ऐसी सवारी है जो सवार को अभी गिरने नहीं देती।ऐसा बहुत कम होता है के जल्दबाज़ नुकसान न उठाये , और ऐसा हो ही नही सकता के सब्र करने वाला नाक़ाम हो.सब्र – इमान की बुनियाद, सखावत (दरियादिली) – इन्सान की खूबसूरती, सच्चाई – हक की ज़बान, नर्मी – कमियाबी की कुंजी, और मौत – एक बेखबर साथी है .
– हज़रत अली

🔆जब तुम्हरी मुख़ालफ़त हद से बढ़ने लगे, तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हें कोई मुक़ाम देने वाला है
– हज़रत अली

🔆झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है सच बोलकर हार जाओ।
– हज़रत अली

🔆दौलत को क़दमों की ख़ाक बनाकर रखो क्यूकि जब ख़ाक सर पर लगती है तो वो कब्र कहलाती है।
हज़रत अली

🔆खुबसुरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती बल्कि जिस इंसान से मोहब्बत होती है वो खुबसुरत लगने लगता है.
– हज़रत अली

🔆हमेशा उस इंसान के करीब रहो जो तुम्हे खुश रखे लेकिन उस इंसान के और भी करीब रहो जो तुम्हारे बगैर खुश ना रह पाए
– हज़रत अली

🔆जिसकी अमीरी उसके लिबास में हो वो हमेशा फ़कीर रहेगा और जिसकी अमीरी उसके दिल में हो वो हमेशा सुखी रहेगा.
– हज़रत अली

🔆“जो तुम्हारी खामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सके उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ़ लफ्ज़ों को बरबाद करना है”
– हज़रत अली

🔆जहा तक हो सके लालच से बचो लालच में जिल्लत ही जिल्लत.
– हज़रत अली

🔆मुश्किलतरीन काम बहतरीन लोगों के हिस्से में आते हैं. क्योंकि वो उसे हल करने की सलाहियत रखते हैं “
– हज़रत अली

🔆“कम खाने में सेहत है, कम बोलने में समझदारी है और कम सोना इबादत है”
– हज़रत अली

🔆“अक़्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपने आप को बड़ा समझकर ज़िल्लत उठाता है।”
– हज़रत अली

🔆कभी भी अपनी जिस्मानी त़ाकत और दौलत पर भरोसा ना करना,
कयुकि बीमारी ओर ग़रीबी आने मे देर नही लगती।
– हज़रत अली

Aafreen Seikh is an Software Engineering graduate from India,Kolkata i am professional blogger loves creating and writing blogs about islam.
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