☆मुआफ करना सिखे….!!
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✿मक्का वालों ने चांद के दो टुकड़े देखें तो कहा मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम)! ने चांद पर जादु कर दिया।,
पत्थरों को कलीमा पढ़ाते देखा तो कहा इन पर जादु कर दिया, मक्का वालो ने जंगे बद्र मे फरिश्ते देखे लेकिन कलीमा नही पढ़ा,
जंगे खंदख मे शिकस्त खाई लेकीन इमान नही लाये,
मक्का मे आप (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम)10 हजार के लश्कर के साथ दाखिल हुए लेकीन उन्होंने कलमा न पढ़ा…!!
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#लेकीन…..
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•आप (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फतेह मक्का के दिन बैतुलल्लाह के पास खड़े होकर कुफ्फारे मक्का के उन कुफ्फर और सरदाराने कुरैश को, जो आपके खुन के प्यासे थे और आपको तरह तरह की तकलीफ पहुंचाई थी, उनसे कहा के जाओ मैनें तुम सबको मुआफ कर दिया तो उन सब ने कलीमा पढ़ लिया और इमान ले आए…
(कुरआन 12:92)
#____सुब्हान______अल्लाह
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♥ये मुआफ करना इतना बड़ा अमल है, अफसोस हमने इसको अपनी जिन्दगीयों से निकाल दिया है।,
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•सांसो की मोहलत कब टुट जाए मालुम नही,
दर्द कोई मिला हो मेरी जात से तो मुआफ कर देना…!!
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