1. दुसरों को नुक़्सान पहुंचाने से बचना सदक़ा है । [बुखारी: 2518]
2. अंधे को रास्ता बताना सदक़ा है । [इब्न हब्बान: 3368]
3. बहरे के साथ तेज़ अवाज़ से बात करना सदक़ा है । [इब्न हब्बान: 3368]
4. गुंगे को इस तरह बताना के वह समझ सके सदक़ा है । [इब्न हब्बान: 3377]
5. कमज़ोर आदमी की मदद करना सदक़ा है । [इब्न हब्बान: 3377]
6. रास्ते से पत्थर, कांटा और हड्डी हटाना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
7. मदद के लिए बुलाने वाले की दौड़ कर मदद करना सदक़ा है । [इब्न हब्बान: 3377]
8. अपने ढूल से किसी भाई को पानी देना सदक़ा है । [तिर्मिज़ी: 1956]
9. भटके हुए शख़्स को रास्ता दिखाना सदक़ा है । [तिर्मिज़ी: 1956]
10. अल्लाहु अकबर कहना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
11. सूब्हानअल्लाह कहना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
12. अल्हम्दुलिल्लाह कहना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
13. ला इलाहा इल्लल्लाह कहना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
14. अस्तग़फ़िरूल्लाह कहना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
15. नेकी का हुक्म देना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
16. बुराई से रोकना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1007]
17. घर वालों पर सवाब की नियत से ख़र्च करना सदक़ा है । [बुखारी: 55]
18. दो लोगों के बीच इंसाफ़ करना सदक़ा है । [बुखारी: 2518]
19. किसी आदमी को सवारी पर बैठाना या उस का सामान उठा कर रखवाना सदक़ा है । [बुखारी: 2518]
20. अच्छी बात करना सदक़ा है । [बुखारी: 2989]
21. हर वह क़दम जिस से चल कर नमाज़ की तरफ़ जाए सदक़ा है । [बुखारी: 2518]
22. रास्ते से तकलीफ़ देने वाली चिज़ हटाना सदक़ा है । [बुखारी: 2518]
23. ख़ुद खाना सदक़ा है । [नसाइ – कुब्रा: 9185]
24. अपने बेटे को खिलाना सदक़ा है । [नसाइ – कुब्रा: 9185]
25. अपनी बीवी को खिलाना सदक़ा है । [नसाइ – कुब्रा: 9185]
26. अपने नौकर को खिलाना सदक़ा है । [नसाइ – कुब्रा: 9185]
27. किसी मुसिबत ज़दा हाज़त मंद की मदद करना सदक़ा है । [नसाइ: 253]
28. अपने भाई से मुस्कुरा कर मिलना सदक़ा है । [तिर्मिज़ी: 1963]
29. अपने भाई की मदद करना सदक़ा है । [अबु याला: 2434]
30. पानी का एक घुन्ट पिलाना सदक़ा है । [अबु याला: 2434]
31. अपने मिलने वाले को सलाम करना सदक़ा है । [अबु दाऊद: 5243]
32. आपस मे सुलह करवाना सदक़ा है । [बुखारी – तारीख़: 3/259]
33. तुम्हारे दरख़्त या ख़ेती से जो कुछ खाए तुम्हारे लिए सदक़ा है । [मुस्लिम: 1553]
34. भुके को खाना खिलाना सदक़ा है । [बैहक़ी – शुएब: 3367]
35. पानी पिलाना सदक़ा है । [बैहक़ी – शुएब: 3368]
36. दो मर्तबा क़र्ज़ देना एक मर्तबा सदक़ा देने के बराबर है । [इब्न माजह: 3430]
37. किसी आदमी को अपनी सवारी [गाड़ी] पर बैठा लेना सदक़ा है । [मुस्लिम: 1009]
38. गुमराही की सरज़मीन पर किसी को हिदायत देना सदक़ा है । [तिर्मिज़ी: 1963]
39. ज़रूरत मंद के काम आना सदक़ा है । [इब्न हब्बान 3368]
40. इल्म सिख कर मुसलमान भाई को सिखाना सदक़ा है । [इब्न माजह: 243]
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