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महफुम-ए-हदीस : रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) फरमाते है —
“उस वक्त तुम्हारा क्या होगे ?
जब तुम्हारे नौजवान बदकार (Characterless) हो जाएगे,..
और तुम्हारी लड़कीयां और औरतें तमाम हदों फांग (Limit Cross) कर जायेगें, ..

*सहाबा इकराम ने अर्ज किया : ‘या रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) क्या ऐसा होगा?’

*आप (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया —
“हां! और उससे बढ़कर उस वक्त तुम्हारा क्या हाल होगा, जब न तुम भलाई का हुक्म करोगें न बुराई पर एतराज करोगे!,

*सहाबा-ए-किराम ने अर्ज किया : ‘या रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) क्या ऐसा भी होगा?’

*आप (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया —
“हां!, और उससे भी बद्तर उस वक्त तुम पर क्या गुजरेगी?
जब तुम बुराई को भलाई और भलाई को बुराई समझने लगोगे,’
-(किताबुल अल रकैक, इब्ने मुबारक: 484, Mohammed Arman Gaus )

♥सबक : लिहाजा इससे पहले इल्म को उठा लिया जाये और जहालत का अगाज हो, हमे तकवा (अल्लाह का खौफ) ईख्तेयार करना चाहिये,
— अपनी और अपने नफ्स को हक-हिदायत की तरफ रूजु करने की कोशीश करनी चाहिये,
ताकी हम भी रहमते अल्लाहवन्दी के मुस्तहीक हो सके ,….

•अल्लाह तआला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे …….

As-salam-o-alaikum my selfshaheel Khan from india , Kolkatamiss Aafreen invite me to write in islamic blog i am very thankful to her. i am try to my best share with you about islam.
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