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जीवन के 5 सत्य:-

कोई फर्क नहीं पड़ता कि
आप कितने खूबसूरत हैं
क्योंकि..लँगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं..

कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है
क्योंकि…कब्रिस्तान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते….

आप कितने भी लम्बे क्यों न हों
मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते….

कोई फर्क नहीं पड़ता कि
आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है
क्योंकि…अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है…

कोई फर्क नहीं पड़ता कि
आप कितने अमीर हैं और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास है क्योंकि…घर के बाथरूम तक आपको चल के ही जाना पड़ेगा…

इसलिए संभल के चलिए … ज़िन्दगी का सफर छोटा है।।
शैतान ने सिर्फ़ एक सजदे का इनकार किया और
हमेशा के लिए मर्दूद हो गया – ज़रूर पढ़ें और सोचें!!!
●शैतान ने कोई ज़िना किया था?
●कोई क़तल किया था?
●शराब पी थी?
●जुआ-खेला था?
●क्या किया था इस ने?
●कोई शिर्क किया था इसने?
इस ने एक सजदे का इनकार किया था सिर्फ़ एक सजदे का इनकार किया और हमेशा के लिए मर्दूद हो गया और मुस्लमान को होश नहीं जो दिन में पाँच नमाज़ों में आने वाले बीसों सजदों का इनकार करता है और फिर भी बेफ़िकर है
*ये सोचता है कि वो मर्दूद नहीं हुआ।।
*कितने सुकून से सोता है,
*चाय पीता है खाना खाता है
*बीवी के पास जाता है ।।
*घूमता फिरता है, खेलता है कूदता है
*हर काम करता है लेकिन
*सिर्फ़ सातवें दिन जुमे वाले दिन टोपी रख कर मस्जिद में आ जाता है जैसे नमाज़ सिर्फ़ जुमे की फ़र्ज़ है?
●क्या अल्लाह सिर्फ़ जुमे को खिलाता है?
●क्या अल्लाह सिर्फ़ जुमे को बुलाता है?
●क्या अल्लाह सिर्फ़ जुमे को नेअमतें उतारता है?
कैसे पत्थर दिल हैं हम लोग ।मालिक बुला रहा है और हमारे कान पर जूं नहीं
रेंगती कैसे बेवक़ूफ हैं हम लोग।सारा दिन कामयाबी की तलाश में रहते हैं और
अल्लाह कामयाबी के लिए पुकारता है
हय्या अल-लफ़लाह।।।
आओ कामयाबी की तरफ़।।।
लेकिन कोई परवाह नहीं कान तक नहीं धरते हम तो इस हद तक बेहिस और बेगैरत हो चुके हैं
मोबाइल खो जाये दुख है। खेल छूट जाएं, मैच हार जाएं दुख है।।।। लेकिन नमाज़ छूट जाये दुख
ही नहीं। ..
अल्लाह पाक से दुआ है अल्लाह पाक हम सब को
पाँच वक़्त का नमाज़ी बनाए
‪#‎आमीन__सुम्मा__आमीन‬
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अच्छी बात आगे पहुंचाना
सद्क़ाए जारिया हे.
नमाज के 7 इनाम
1.रोजी में बरकत
2.तन्दरुस्त सेहत
3.नेक औलाद
4.खुशहाल घर
5.दुनिया में इज्जत
6.मैदाने हश्र में जामे कौशर
7.आखिरत में जन्नत
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As-salam-o-alaikum my selfshaheel Khan from india , Kolkatamiss Aafreen invite me to write in islamic blog i am very thankful to her. i am try to my best share with you about islam.
mm