तंग दस्ती के 63 अस्बाब
1:नमाज़ क़ज़ा कर देना
2:नमाज़ मे सुस्ती करना
3: फज्र पढ़कर मस्जिद से जल्द निकल आना
4:मस्जिद में दुन्या की बातें करना
5:जनाबत में खाना खाना
6:रात मे झाडू देेना, खुसुसन कपडे से झाडना
7:दांत से नाख़ुन काटना
8:पाजामा, दामन या दुपट्टे से मुंह पोंछना
9:खडे हो कर पाजामा पहनना
10:इमामा शरीफ बैठ कर बांधना
11:सूखे बालों में, या खडे हो कर कंघी करना
12:मां बाप का नाम लेकर पुकारना
13:40रोज़ से ज़ाइद ज़ेरे नाफ के बाल.
और नाखुन बढ़ा कर रखना
14:बुज़ुर्गों के आगे चलना
15:मकड़ी के जाले साफ न करना
16:ज़िना करना
17:गुनाहों मे मश्गूल रहना
18:सुबह के वक़्त सोना
19:दौलत होने के बा वजूद औलाद पर खर्च न करना
20: बगैर हाथ धोये खाना खााना
21:खाने के बाद बरतन साफ न करना
22:खिलाल करते वक़्त दांतों से निकले हुये रीशे या ज़र्रात फिर से मुह मे ही रख लेना
23:बाज़ार में सबसे पहले जाना और देर से आना
24:उलटे जूते को देख कर सीधा न करना
25:औरत को गाली देना या लानत करना
26:कपडे तब्दील करते वक़्त पहले बायां पांव पाजामे मे डालना
या बायें हाथ की आसतीन पहले पहनना
27:क़ब्रिस्तान में हंसना
28:घर में कचरा जमा करना
29:सुबह होते ही अल्लाह व रसूल का ज़िक्र किये बगैर दुन्या मे मश्गूल हो जाना
30:मगरिब व इशा के दर्मियान सोना
31:बिला वज्हे शरई अपनों से तअल्लुक़ात खत्म करना
32:ना पाकी की हालत मे नाखुन काटना,सर या जेरे नाफ के बाल मोंडना
33:ज़कात या सदक़ाते वाजिबा अदा करने मे बुख्ल या बिला वजह देर करना
34:बगैर हाजत सुवाल करना(मांगना)
35:अमानत में खयानत करना
36:अंधरे में खाना खाना
37:मां बाप को ईज़ा देना
38:कु़रआन को बे वज़ू हाथ लगाना
39:बुध की रात या इतवार की रात मे बीवी से सोह़बत करना
40:जुआ या गाने बाजे के सामान घर मे रखना
41:हमेशा बेहूदगी. मज़ाक़ व दिल्लगी मे मश्गूल रहेना
42:नंगे सर बैतुल खला जाना
43निकले हुये खाने मे देर करना
44:बरहना सर बाज़ार मे फिरना
45:सज्दये तिलावत न करना या वज़ू होते हुये देर करना
46:तिलावते कु़रआन के दौरान आयते सज्दा छोडकर आगे पढ़ना
47:दूसरे शख्स का कंघा आदतन मांग कर इस्तिमाल करना
48:नहाने की जगह पेशाब करना
49:सोते वक़्त पाजामा या तहबंद सर के नीचे रखना
50:झूठ बोलना
51:झूठी क़समें खाना
52:वुज़ू करते वक़त दुन्या की बातें करना
53रोटी की क़द्र न करना
54:मिट्टी या चीनी के टूटे हुये बरतन मे खाना पीना
55:मेहमान आने से ना खुश होना
56:बैतुल खला में बातें करना. वहां किसी दीनी बात में गौर व फिक्र करना
57:बगैर बुलाये दावत मे जाना
58:पलंग या चारपाई पर दस्तरख्वान रखे बगैर खाना खाना
59:दांतो से रोटी काटना
60:दांतो को बिला वजह कपडे से मिस्वाक की तरह मलना
61:जिस बरतन मे खायें उसी मे हाथ धोना
62:कु़रआन शरीफ घर मे होते हुये न पढ़ना
63:मां बाप उस्ताज़ या पीर के मर्ज़ी के खिलाफ काम करना
तंगदस्ती के अस्बाब(ब हवाला सुन्नी बहिश्ती जेवर)
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