भूख की तकलीफ भी बहुत सख्त होती है
मगर गर्मी के लम्बे रोज़े मे प्यास की तकलीफ भूख की तकलीफ को भुला चुकी है
प्यास से गला सूख चुका है
मुहं सूख चुका है
जिस्म निढाल है
मगर आप कभी पानी का एक क़तरा भी नही पिएंगे
इसलिये कि रोज़ा टूट जाएगा-
ये रोज़ा है
ये इसकी अज़मत है जिसकी बिना पर हम इतनी मशक्कत झेलते और इस कदर तकलीफ उठाते हैं-
मगर दूसरी तरफ हम सब एक और रोज़ा रखे हुए हैं,
ये बंदगी का रोज़ा है-
ये रोज़ा खुदा की हर नाफरमानी के साथ टूट जाता है-
मगर हमे इस रोज़े के टूटने का कोई अफसोस नही होता,
इसलिये कि हमें इस रोज़े के टूटने का एहसास भी नही होता-
हम बंदगी का रोज़ा हर रोज़ तोड़ते हैं,
हत्ता कि ऐन रोज़े के आलम मे भी तोड़ते हैं
लेकिन हमारा एहसास इस संगीन जुर्म को समझने के लिए मुर्दा बना रहता है-
इसलिए कि इस जुर्म को हमने कभी जुर्म ही नही समझा-
जिस वक़्त हम बेहयाई से लुत्फ अंदोज़ होते है, हराम खाते और कमाते हैं
लोगो के साथ जु़ल्म करते हैं
उन्हे धोखा देते हैं
और उनका माल दबाते हैं
बंदगी का ये रोज़ा टूट जाता है-
जिस वक़्त हम झूठ बोलते है और झूठ फैलाते हैं
जिस वक़्त हम गीबत करके किसी को रुस्वा करते हैं
जिस वक़्त हम इल्ज़ाम व बोहतान लगाकर किसी को बदनाम करते हैं
बंदगी का ये रोज़ा टूट जाता है-
जिस वक़्त हम अपनी ख्वाहिशात को दीन बना लेते हैं
जिस वक़्त हम अपने तास्सुब की बिना पर सच्चाई को रद्द कर देते हैं-
जिस वक़्त हम अद्ल व इंसाफ के तक़ाज़ों को पामाल करते हैं
बंदगी का ये रोज़ा टूट जाता है-
कितने रोजे़दार हैं जो बंदगी का रोज़ा हर रोज़ तोड़ते हैं
कितना अजीब है उनका रोज़े की मशक़्क़त झेलना..!!
- शब ए बारात की रात में क्या पढ़े | 2022 शब ए बरात का रोज़ा कब रखते है | - 7th March 2022
- Shab-E-Barat Ki Fazilat (शाबान बरक़त वाली रात) - 5th March 2022
- शब ए बारात की नमाज और सलामत तस्बीह (हिंदी) - 5th March 2022