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(वालिदैन के हुकूक कुर‌आन की रोशनी में)

मस‌अला)👉🏻 इस आयत से साबित हुवा कि मुसलमान
के लिए रहमत व मगफ़िरत की दुआ जाइज़ है और उसे फ़ाइदह
पहुँचाने वाली है, मुरदों के ईसाले सवाब में भी उनके लिए
दआए रहमत होती है लिहाज़ा इसके लिए यह आयत अस्ल है?

मस‌अला 👉🏻वालिदैन काफ़िर हों तो उनके लिए हिदायत व ईमान
की दुआ करे कि यही उनके हक़ में रहमत है हदीस शरीफ़ में है
कि वालिदैन की रज़ा में अल्लाह तआला की रज़ा और उनकी
नाराज़ी में अल्लाह तआला की नाराज़ी है। दूसरी हदीस शरीफ़
में है कि सय्यदे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि वालिदैन की नाफरमानी से बचो इस लिए कि जन्नत की खुशबू हज़ार बरस की राह तक आती है और नाफ़रमान वह खुशबू न पायेगा

(📚तफ़सीरे ख़ज़ाइनुल इरफ़ान📚)

💫और हम ने बनी इस्राईल से अहेद लिया कि अल्लाह के
सिवा किसी को न पूजो और माँ बाप के साथ भलाई करो

(📚कंजुल
ईमान प.१, अलबक़रह आयत ८३📚)

💫इस आयते करीमह में अल्लाह तआला ने अपनी इबादत
का हुक्म फ़रमाने के बअद माँ बाप के साथ भलाई करने का
हुक्म दिया है इस से मअलूम होता है कि वालिदैन की ख़िदमत
बहुत ज़रूरी है वालिदैन के साथ भलाई करने का यह मअना हैं
कि ऐसी कोई बात न कहे और ऐसा कोई काम न करे जिस से
उन्हें तकलीफ़ हो और अपने बदन व माल से उनकी ख़िदमत में दरग न करे जब उन्हें ज़रूरत हो उनके पास रहे

मस‌अला )👉🏻अगर वालिदैन अपनी ख़िदमत के लिए नवाफ़िल छोड़ने का हुक्म देंता छोड़ दे उनकी ख़िदमत नफ़्ल से मुक़द्दम है?

मस‌अला) 👉🏻बात वालिदैन के हुक्म से तर्क नहीं किये जा सकते वालिदैन एहसान के तरीके जो अहादीस से साबित हैं वह यह हैं
दिल से उनके साथ मुहब्बत रख्खे, रफ़्तार व गुफ़्तार में
बरखास्त में अदब लाज़िम जाने (बअदे विसाल) उनके नशिस्त व बरखास्त में अदब लिए फ़ातिहा, सदक़ात, तिलावते कुराआन से ईसाले सवाब करे। अल्लाह तआला से उनकी मगफ़िरत की दुआ करे,नरमी से‌ इस्लाह व तक़्वा और अक़ीदए हक की तरफ़ लाने की कोशिश करता रहे, अच्छी बात से मुराद नेकियों की तरगीब और बदयों से रोकना है।

(📚ख़जाइनुल इरफ़ान📚)

💫इंशा अल्लाह त‌आला पोस्ट जारी रहेगी

💫दुआ की गुजारिश

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
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