Islamic Blog

मां से खिदमत का इनाम

हज़रत औवेश करनी रजि• नबी ए करीम स•अ•व की जियारत नहीं कर सकें लेकिन दिल में हसरत जरूर थी हुज़ूर का दीदार करूं..बूढ़ी और नबीना मां की खिदमत आपसे उनकी दीदार को रोके हुई थी..आप स•अ•व यमन की तरफ रुख करके कहा करते थे मुझे यमन से औवेश की खुशबू आ रही है

सहाबी ने कहां जब आप उनसे इतनी मोहब्बत करते है वो तो आपसे मिलने भी नहीं आएं..आप स•अ•व ने फरमाया वो अपनी बूढ़ी और नबीना मां की खिदमत करता है और उन्हें तन्हा छोड़कर नहीं आ सकता है

आप स•अ•व ने हज़रत उमर रजि• और हज़रत अली रजि• से मुखातिब होकर कहां तुम्हारे दौर में एक शख्स आयेगा जिसका नाम औवेश करनी होगा जब वो आयेगा तो तुम दोनों उससे दुआ करवाना क्यूंकि औवेश ने मां की ऐसी खिदमत की है कि जब भी वो दुवा के लिए हाथ उठाता है तो अल्लाह उसकी दुआ कभी रद नहीं करता है

आप स•अ•व ने फरमाया जब लोग जन्नत में जा रहें होंगे तो अल्लाह औवेश करनी रजि• को रोक लेंगे और फरमाएंगे पीछे देखो जब वो पीछे देखेंगे तो बड़ी तादाद में जहनम्मी खड़े होंगे और उस वक़्त अल्लाह फरमाएंगे औवेश तेरी एक नेकी ने मां की खिदमत का मुझे बहुत खुश किया है

तेरी उंगली जिधर जिधर जाएंगी तेरे तुफैल में उन को जन्नत में दाखिल कर दूंगा!

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
mm