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अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने हमें एक अच्छा मुसलमान बनने के लिए एक बहुत आसान फार्मूला दिया है कि ‘जो तुम अपने लिए चाहते हो वो ही दूसरों के लिए चाहो’.
यानि अगर आप के घर कोई महमान आया है तो एक पल के लिए यह सोचये कि अगर मैं इसके घर महमान बन कर जाता तो मैं क्या चाहता कि वो मेरे साथ कैसा व्यवहार करे ? बस जैसा व्यवहार आप अपने साथ चाहते हैं ऐसा ही उस महमान के लिए करें.
आप किसी के यहाँ नौकरी करते हैं ? तो एक पल के लिए सोचये कि अगर मैं किसी को नौकरी पर रखूं तो मैं क्या चाहता हूँ कि वो मेरे लिए कैसे काम करे ? बस ऐसे ही आप भी काम करें.
आप के माँ बाप बूढ़े हो गए हैं ? तो आप क्या चाहते हैं कि जब आप बूढ़े हो तो आप की औलाद आप के साथ कैसा व्यवहार करे ? बस ऐसा ही व्यवहार आप को करना है.
आप बाज़ार में अपना सामान बेच रहें हैं ? आप क्या चाहते हैं कि जब आप किसी से सामान खरीदें तो वो आप को कैसा सामान दे ?
किसी ने मजबूरी में आप से कुछ माँगा है ? तो आप क्या चाहते हैं कि जब आप किसी से कुछ मांगें तो वो आप को कैसा जवाब दे ? बस ऐसा ही जवाब आप को देना है.
यानि ज़िन्दगी के जिस मामले में भी या रिश्ते में भी आप जो अपने लिए पसंद करें वो ही अपने भाई के लिए भी करें.
अगर गौर किया जाए तो अल्लाह के रसूल की यह हिदायत एक ‘master key’ है जो हमें हर मामले में रहनुमाई देती है, सिर्फ एक पल लगता है यह सोचने में कि ‘मैं क्या चाहता हूँ’
यह बहुत आला हिदायत है अगर हम इसको हकीक़क में अपनालें तो बहुत जल्द हम एक अच्छे मुसलमान बन सकते हैं.
अल्लाह मुझे सबसे बढ़ कर इसपर अमल करने वाला बनाए…आमीन

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
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