सुवाल❓
➡क्या इस्लामी बहन का काफ़ीरा औ़रत से भी पर्दा हैं ?
🔶जवाब🔶
➡जी हां, काफ़िरा औ़रत से भी उसी त़रह़ पर्दा हैं जिस त़रह़ ग़ैर मर्द से पर्दा हैं !
🌹अल्लाह तआ़ला इर्शाद फ़रमाता हैं :
तरजमए कन्ज़ुल ईमान :
और मुसलमान औ़रतों को हुक्म दो अपनी निगाहें कुछ नीची रखे और अपनी पारसाई की ह़िफ़ाज़त करे और अपना बनाव न दिखाए मगर जितना खुद ही ज़ाहिर हैं और दुपट्टे अपने गरीबानों पर ड़ाले रहे और अपना सिंगार ज़ाहिर न करे मगर अपने शोहरों पर या अपने बाप या शोहरों के बाप या अपने बेटे या शोहरों के बेटे या अपने भाई या अपने भतीजे या अपने भान्जे या अपने दीन की औ़रतें या अपनी कनीज़ें जो अपने हाथ की मिल्क हो या नौकर बशर्ते कि शहवत वाले मर्द न हो या वो बच्चे जिन्हें औ़रतों की शर्म की चीज़ों की ख़बर नही और ज़मीन पर पांव ज़ोर से न रखे कि जाना जाए उन का छुपा हुआ सिंगार और अल्लाह तआ़ला की त़रफ़ तौबा करो ऐ मुसलमानों सब के सब इस उम्मीद पर कि तुम फ़लाह़ पाओ !
📖(पारह-18, सूरए नूर, आयत नम्बर-31)
🌺आला ह़ज़रत शाह इमाम अह़मद रज़ा ख़ान रह़मतुल्लाह तआ़ला अ़लैहे इस आयत के इस ह़िस्से (या अपने दीन की औ़रतें) की वज़ाहत में फ़रमाते हैं :
➡शरीअ़त का तो ये हुक्म हैं कि काफ़िरा औ़रत से मुसलमान औ़रत को ऐसा पर्दा वाजिब हैं जैसा कि मर्द से ! यानी सर के बालों का कोई ह़िस्सा या बाज़ू या कलाई या गले से लेकर पांव के गिट्टो के नीचे तक जिस्म का कोई ह़िस्सा मुसलमान औ़रत का काफ़िरा औ़रत के सामने खुला होना जाएज़ नही !
📚(फ़तावा रज़विय्या, जिल्द-23, सफ़ह़ा-692)
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