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हज़रत नबी अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम ने दज्जाल की कई निशानियां बयॉन की हैं।
रिवायत है हज़रत हुज़ैफा रज़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु से मरवी हैः-
हज़रत नबी अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम ने फरमायाः दज्जाल निकलेगा और इस के साथ पानी और आग होगी। परन्तु जिस को लोग पानी देखेंगे वह जला देने वाली आग होगी और जिस को लोग आग देखेंगे वह मीठा ठंडा पानी होगा। तुम में से जो कोई इस को पाय तो चाहिए के वह इस में जाए जिस को वह आग देख रहा है क्यों के वह मीठा और अच्छा पानी होगा।

(सहीह बुखारी, हदीस संख्याः 3450)

जैसा के सहीह मुसलिम शरीफ में हदीस पाक हैः-

हज़रत नबी अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम ने जिस दिन लोगों को दज्जाल से ड़राया इरशाद फरमायाः जरुर इस की आँखों के बीच “काफिर” लिखा हुआ होगा जिस को हर वह इनसान पढेगा जो इस के कर्म को नापसंद करे या फरमाया इस को (हर पढा लिखा और अनपढ़) मुसलमान पढ़ लेगा। आप सल्लाहु अलेह वसललम ने फरमायाः जान लो के तुम में से कोई कभी भी अपने रब को ना देखेगा यहाँ तक के इस को मौत आ जाए।

(सहीह मुसलिम, हदीस संख्याः 7540)

सैयदना अबु हुरैरह रज़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु से रिवायत हैः-

हज़रत रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम ने फरमायाः सुनो! मैं तुम को दज्जाल के बारे में ऐसी बात बताता हुँ जो किसी नबी ने अपनी क़ौम व जाति को नहीं बतायी है। निश्चय वह काना होगा और वह अपने साथ नरक व दोज़ख जैसी चीज़ लायगा, अतः जिस के बारे में वह कहता है के वह जन्नत है वास्तव में वह दोज़ख है और मैं तुम को ड़राता हुँ जिस प्रकार हज़रत नूह ने अपनी क़ौम को इस से ड़राया था।

(सहीह बुखारी, हदीस संख्याः 3338)

{और अल्लाह तआ़ला सब से जियादा जानने वाला है,
चौथा फितना बड़ा सख्त अंधा और सब पर हावी होने वाला फितना होगा जिसमें उम्मत आजमाइश की वजह से इस तरह रगड़ी जाएगी जैसे चमड़ा रगड़ा जाता है। यहां तक कि इस जमाने में मारूफ को मुंकर और मुंकर को मारूफ समझा जाएगा और उनके दिल मर जाएंगे जिस तरह उनके बदन मर जाते हैं।

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