गजवाए यरमुक मे बहुत से सहाबी शहीद हुए थे, जिस वक्त शहीद हजरत नीमजां धुप मे खुन मे पड़े लोट रहे थे, हजरत इब्ने हुजैफा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) पानी की मशक कांधे पर उठाकर जख्मियों को पानी पिलाने के लिये तशरिफ ले चले,
एक तरफ से अवाज आई #अल_अतश_ #अल_अतश (प्यास! प्यास!) हजरत इब्ने हुजैफा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) ने यह अवाज सुनी तो दौड़कर वही पहुंचे देखा की एक जख्मी मुस्लमान प्यास के मारे नीम (आधी) जान हो रहे है, चाहा की उनके हलक मे पानी डाले फौरन मुंह अपना जख्मी ने बन्द कर लिया और कहा : ऐ अल्लाह! के बन्दे! मुझसे भी ज्यादा एक जख्मी मुस्लमान प्यासा आगे पड़ा है, पहले उसे पानी पिलाओ, तब मुझे पानी पिलाओ,
इब्ने हुजैफा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) दुसरे जख्मी के पास पहुंचे, चाहा की उन्हे पानी पिलाये उस खुदा के बन्दें ने भी पानी पिने से इन्कार कर दिया, यह फरमाया की मुझसे ज्यादा एक और मुस्लमान भाई प्यासा #अल_अतश #अल_अतश, पुकार रहा है पहले उसे पानी पिलाओ, हजरत हुजैफा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) उस तिसरे के खिदमत मे पहुंचे मगर वह तब तक पहुंचने न पाए थे की वह प्यास से विसाल फरमा गये, दौड़कर वापस आया तो देखा की दुसरे प्यासे भी अल्लाह के घर तशरिफ ले गये, यहां से भागे और अव्वल जख्मी के पास आए तो इतने अरसे मे वह प्यासे भी हौजे कौसर पर पहुंच चुके थे..!!
📚(रुहुल ब्यान, जिल्द-4, सफा-289, )
📚(सच्ची हिकायत, सफा-282, हिकायत-235,)
–
♥️सबक : सहाबाए किराम (रजी अल्लाहु तआला अन्हुम) ने आखिर दम तक अपने मुस्लमान भाईयों की हमदर्दी तर्क न फरमाई और हमे इस बात का दर्स दिया की मुस्लमान अपने मुस्लमान भाई का हमेशा ख्याल रखे….
- शब ए बारात की रात में क्या पढ़े | 2022 शब ए बरात का रोज़ा कब रखते है | - 7th March 2022
- Shab-E-Barat Ki Fazilat (शाबान बरक़त वाली रात) - 5th March 2022
- शब ए बारात की नमाज और सलामत तस्बीह (हिंदी) - 5th March 2022