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नबी करीम s.a.w.ने फरमाया .जब तुम कुछ भूल जाओ तो मुझ पर दरूद भेजो …इंशाअल्लाह याद आ जाएगा ….
ये बहुत कीमती हदीस हे सब को ज़रूर बताओ आपने दिल में मत रखना ..
सवाल …नमाज़ में दो सज़दे क्यों हें …..
जवाब ..जब अल्लाह ने फरिश्तों को हुकुम दिया की .
आदम a.s…को सजदा करो तो उन्होने सजदा किया लेकिन इब्लीस ने नही किया तो उसको मर्दूद करार दे कर उसको जन्नत से निकाल दिया ….इब्लीस की ये हालत देख कर फरिश्तों ने सजदा-ए-शुक्र अदा किया और कहा ए अल्लाह तेरा शुक्र हे की तूने हमे अपना हुक्म बजा लेने और अपनी इबादत करने की तौफिक अता फरमाई …
वो दो सज़दे आज तक नमाज़ में अदा किये जा रहे हें …
1..सजदा-ए-हुक्म
2..सजदा-ए-शुक्र

1.सहाबी ने हुजूर s.a.w.से पूछा हमे केसे पता चलेगा की हमारी नमाज़ कुबूल हो गई ?
आप s.a.w.ने फरमाया
जब तुम्हारा दिल अगली नमाज़ पढ़ने के लिये बेकरार हो तो समझ जाओ की तुम्हारी नमाज़ कुबूल हो गई हे
सुभान अल्लाह ..
कुछ लोग ऐसे मेसेज को फॉर्वर्ड नही करते तो अल्लाह ने फरमाया
अगर तुम अपने लोगो के सामने मुझे रद्द करोगे तो
में तुम्हे अपनी नजरो में रद्द कर दूँगा

जब शेतान मर्दुद ने कहा की ए रब तेरी इज्ज़त-औ-जलाल की कसम में तेरे बन्दो को हमेशा गुमराह करता रहूंगा जब तक उनकी रूह उनके जिस्म में रहेगी
अल्लाह रब्बूल-इज्ज़त ने इरशाद फरमाया …
मुझे कसम हे अपनी इज्ज़त-औ-जलाल की और आपने आला-ए-मक़ाम की जब तक वो मुझसे इस्तफार करते रहेंगे
में उनको बक्शता रहूंगा …
सुभान अल्लाह
हमारे नबी s.a.w.की कुछ प्यारी आदतें …
1..चलते वक्त अपनी निगाहें नीची रखना
2..सलाम हमेशा पहले करना
3..मेहमान नवाजी खुद करना
4..नफील नमाज़ छुप कर पढ़ना
5..फ़र्ज़ इबादत सब के समने करना
6..बीमार की मिजाज पुर्सी करते
7..जब खड़े हुए गुस्सा आये तो लेट जाते
8..मीस्वाक करते
9..ईशा से पहले कभी न सोते
10..कभी खुलकर ना हँसते सिर्फ मुस्कुराते

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
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