اَلسَلامُ عَلَيْكُم وَرَحْمَةُ اَللهِ وَبَرَكاتُهُ
#मरते_ही_जन्नत_में_दाखिल_हो_जायेगा
#हदीस :- हज़रत अली रदियल्लाहु तआला अन्हु कहते हैं कि मैंने मिम्बर पर रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को यह फरमाते हुए सुना है कि जो शख़्स #हर_नमाज़_के_बाद_आयतल_कुर्सी_पढ़ेगा_वह #मरते_ही_जन्नत_में_दाखिल_हो_जायेगा। और जो अपने बिस्तर पर लेटते वक्त आयतल कुर्सी पढ़ लेगा तो अल्लाह तआला उसके घर और उसके पड़ोसी के घर और उसके गिर्द के चन्द घरों को अमनो अमान अता फरमायेगा।
#तबसरा सुल्हानल्लाह आयतल कुर्सी पढ़ने के सवाब का क्या कहना ?वह अमल है कि अगर मकबूल हो जाए तो उस पर अमल करने वाले को मरते ही खुदावन्द कुद्दूस अपने फ़ज़लो करम से दुखूले जन्नत की करामतों से सरफ़राज़ फरमा देगा। गौर कीजिए कि कितनी मुख़्तसर इबादत पर कितने अज़ीम सवाब का खुदावन्द आलम वादा फरमा रहा है। यह उसका फजले अज़ीम ही तो है। अल्लाहु अकबर। बहर हाल ईमाने कामिल और एतिकादे रासिख़ के साथ इस अमल पर कारबन्द होकर इसकी मनफअतों और बरकतों से फैज़याब होना हर मुसलमान मर्द और औरत के लिए बहुत बडी सआदत है। खुदावन्द करीम सब को अमल की तौफीक अता फरमाये। आमीन।
#अल्लाह_तआला_की_हिफाज़त_में
एक हदीस में यह भी आया है कि हुजूर सय्यदे आलम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो शख्स सूरए मोमिन में से ” हा मीम से इलैहिल मसीर” तक और आयतल कुर्सी सुबह को पढ़ ले तो शाम तक वह इन आयतों को पढ़ने के सबब से खुदावन्द करीम की हिफाजत में रहेगा। और जो शाम को इन दोनों आयतों को पढ़ ले तो वह सुबह तक अल्लाह तआला की हिफाज़त में रहे खुलासा यह है कि आयतल कुर्सी को पढ़ना उसमें दीन व दुनिया के बहुत ज़्यादा फवाइद व मुनाफेअ हैं लिहाज़ा हर मुसलमान को चाहिये कि इसको याद करे और बकसरत पढ़ा करे ख़ास कर पाँचों नमाज़ों के बाद और बाद नमाज़े फजर, व बाद नमाजे मगरिब इस को जरुर पढ़ लिया करो और जब सोने के लिए बिस्तर पर लेटे तो एक मरतबा ज़रुर पढ़ ले। इन्शा अल्लाह तआला वह और उसके पडोसी चोरों से अमनो अमान में रहेंगे। और उसको बहुत ज़्यादा बरकतें हासिल होगी।
(#जवाहिरूल_हदीस_सफहा_51_52)
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