खजूर में क्या है खास
रोजा इफ्तार में खजूर का इस्तेमाल करने की बात हदीस में भी सामने आई है. सुन्नत के मुताबिक, तरीका ये है कि रूतब यानि पके हुए ताज़ा खजूर से रोज़ा इफ्तार किया जाए. अगर पके खजूर ने मिले तो सूखे खजूर यानि छोहारे से रोजा इफ्तार किया जाय. अगर वह भी न हो तो पानी से इफ्तार करना चाहिए.
अनस रज़ियल्लाहु अन्हु की हदीस है “अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम नमाज़ पढ़ने से पहले कुछ रूतब पर इफ्तार करते थे, यदि वह न होती थीं तो चंद खजूरों पर, यदि वह भी उपलब्ध ने होती तो चंद घूंट पानी पी लेते थे.” अबू दाऊद (हदीस संख्या : 2356), तिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 696) में भी इसे रिवायत किया है और अल्बानी ने इर्वाउल-गलील (4/45) में इसे हसन ने कहा है.
शुगर लेवल होता है बैलेंस
आधुनिक न्यूट्रीशनिस्ट कहते हैं रोजा खजूर से खोलने से सवाब मिलता है. सवाब मिलने के साथ ये आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है. खजूर में नेचुरल शुगर होती है. रोजा के दौरान कम हुआ शुगर लेवल इससे बैलेंस हो जाता है.
खजूर में पाई जाने वाली खूबियां
खजूर में ग्लूकोज, सुक्रोज और फ्रुक्टोज पाए जाते हैं. इस वजह से खजूर के सेवन से शरीर को तुरंत ताकत मिलती है. इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है. जिस वजह से दिल की बीमारी होने का खतरा नहीं रहता. खजूर में भारी मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है. वहीं इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है, जोकि नर्वस सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद है.
खजूर में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है. इससे खून से संबंधित बीमारियों से छुटकारा मिलता है. मुहम्मद साहब ने भी कहा था कि खजूह में बरकत है. रिसर्च से सामने आए खजूर के फायदे ने साबित कर दिया है सुन्नत का तरीका पूरी तरह विज्ञान पर आधारित है.
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