10 Things For Juma Prayer Hindi | जुमा के दिन की जाने वाली ज़रूरी चीज़ें
1. नाखून काटना
अबू हुरैरा R.A. फरमाते हैं कि ‘पांच चीज़ें फितरत में से हैं : 1) खतना, 2) नाफ़ के नीचे के बालों को साफ़ करना, 3) मूंछों को मूँडना, 4) नाखूनों काटना, और 5) बाजुओं के नीचे बाल साफ़ करना ।
2. सूरह अल-कहफ पढ़ना
अबू सईद खदुरी से रिवायत है कि हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया : “जो कोई जुमा को सूरह अल-कहफ पढ़ता है, तो उसके लिए दोनों जुमों के दरमियान एक नूर होगा।”
3. दुआ करना
इस बेहतरीन मौके को न गवाएं !!
“एक हदीस के मुताबिक़ जुमा के दिन एक ख़ास घडी होती है, जिसके दौरान की गयी सभी दुआएं कुबूल हो जाती हैं |
4. नहाना (ग़ुस्ल)
ग़ुस्ल ( नहाना ) अपने आप को पूरी तरह से धोना । एक सहाबी फरमाते हैं कि
“मैंने अल्लाह के रसूल को ये फरमाते हुए सुना है: जब तुम में से कोई जुमा नमाज़ के लिए आये , तो उसे चाहिए कि ग़ुस्ल कर ले ।” (मुस्लिम)
5. साफ कपड़े पहनना, मिसवाक करना ( दांतों को ब्रश करना ) और परफ्यूम लगाना ( नॉन अल्कोहलिक )
कपड़ों में जो सब से बेहतर आपके पास हो उसी का इस्तेमाल जुमा के दिन करना चाहिए जो पाक और साफ़ हो
मिस्वाक करे अगर मिस्वाक न हो तो ब्रश से दांत साफ़ कर ले और खुशबू का इस्तेमाल करे जिसमे अल्कोहल न हो क्यूंकि आज कल परफ्यूम आम तौर से अल्कोहलिक आती हैं इसलिए इस मामले में एहतियात करना चाहिए |
6. मस्जिद जल्दी पहुंचना
नहीं, मेरा मतलब यह नहीं है कि खतीब या इमाम के मस्जिद में दाखिल होने से 10 मिनट पहले, बल्कि वहाँ पहले होने की कोशिश करें और इस हदीस को याद रखें:
हज़रत अबू हुरैरा र.अ. फरमाते हैं : अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया , ‘जब जुमा होता है, तो फ़रिश्ते मस्जिद के दरवाज़े पर खड़े होते हैं और मस्जिद में आने वाले लोगों के नाम उनके आने के वक़्त के साथ लिखते रहते हैं। । जब इमाम खुतबा देने के लिए निकलते हैं तो वे ( फ़रिश्ते ) अपने रजिस्टर को बंद कर देते हैं और खुतबा सुनते हैं। [ साहिह अल-बुखारी}
7. जुमा की नमाज़
अल्लाह तआला कहता है : “ए ईमान वालों ! जब जुमे (जुमे की नमाज़) के लिए बुलाया जाये , तो अल्लाह तआला के ज़िक्र की तरफ दौड़ पड़ो और व्यापार व खरीद फरोख्त को छोड़ दो । यह आपके लिए बेहतर है अगर तुम जानते हो ! “[अल-जुमा 62: 9]
8. पैगंबर मुहम्मद (PBUH) पर कसरत से दुरूद भेजना
जुमा के दिन का ख़ास दुरूद :
अल्लाहुममा सल्लि अला मुहम्मा दिनिन नाबिय्यिल उम्मिय्यी व अला आलिही व सल्लिम तसलीमा
अगर ये याद न हो तो जो दुरूद याद हो उसी को पढता रहे
9. मस्जिद की तरफ चल कर जाना
क्यूंकि हदीस के मुताबिक़ मस्जिद जाने में हर क़दम पर एक गुनाह की माफ़ी और अल्लाह के यहाँ दर्जात की बलंदी हासिल होती है |
10. खुतबा को ध्यान से सुनना
खुतबे को पूरे ध्यान से सुनना यहाँ तक कि अगर कोई बोल रहा हो तो उसको चुप करने के लिए ये भी ना कहो कि “चुप रहो” बस चुपचाप खुतबा सुनने में ही ध्यान लगाओ |
“जो कोई भी अपने दोस्त से कहता है, ” चुप रहो ” जबकि इमाम जुमा को खुत्ब को दे रहा है तब भी एक बेतुका काम किया ।” (मुस्लिम और बुखारी)
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