सूरए अन्कबूत – पहला रूकू
*29 – सूरए अन्कबूत – पहला रूकू* अल्लाह के नाम से शुरू जो मेहरबान रहमत वाला (1)(1) सूरए अन्कबूत मक्के में उतरी. इस में सात रूकू, उन्हत्तर आयतें, नो सौ अस्सी कलिमें, चार हज़ार एक सौ पैंसठ अक्षर हैं.अलिफ, लाम…
सूरए अंन्कबूत- तीसरा रूकू
*29 – सूरए अंन्कबूत- तीसरा रूकू* और वो जिन्होंने मेरी आयतों और मेरे मिलने को न माना (1) (1) यानी कु़रआन शरीफ़ और मरने के बाद ज़िन्दा किये जाने पर ईमान न लाए वो हैं जिन्हें मेरी रहमत की आस…
माँ का आँचल अज़मते वालिदैन
(वालिदैन के हुकूक कुरआन की रोशनी में) मसअला)👉🏻 इस आयत से साबित हुवा कि मुसलमान के लिए रहमत व मगफ़िरत की दुआ जाइज़ है और उसे फ़ाइदह पहुँचाने वाली है, मुरदों के ईसाले सवाब में भी उनके लिए दआए रहमत होती…