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शब ए बारात की रात में क्या पढ़े | 2022 शब ए बरात का रोज़ा कब रखते है |

                          शब-ए-बारात का रोजा कब है?      हिजरी कैलेंडर के अनुसार माह शबन की 14वी तारीख को शब-ए-बारात होता है, 15वी तारीख को कुछ लोग रोजा रखता है वर्ष 2022 में 18 मार्च से 19 मार्च अक्टूबर को शबे बारात की रात […]

Shab-E-Barat Ki Fazilat (शाबान बरक़त वाली रात)

शब्-ए -बरात बेशुमार हैं शब् -ए-बरात यानि 15th शाबान में बख्शीश व मगफिरत वाली रात हैं हुजूरे पाक ने क़ुरआन में इरशाद फ्रमाया कि. शाबान की रात मैं आसमान दुनिया पर तजल्ली फरमाता है और कबीला बनी कल्ब की तमाम बकरियां के बालों की तादाद से भी ज्यादा अल्लाह बन्दों की मगफिरत (बखशिश) फरमाता है। […]

शब ए बारात की नमाज और सलामत तस्बीह (हिंदी)

                                                         -शब-ए-बरात के नवाफ़िल और सलातुत तस्‍बीह- शब-ए-बरात पर लोग जितनी नवाफिल नमाज़ पढना चाहें पढ़ सकता है इन मौकों पर नवाफ़िल नमाज़ें तो बहुत हैं मगर यहाँ […]

Shab E Barat 2022: इबादत की रात शब-ए-बारात, जानिए कब और कैसे मनाया जाता है|

शब्-ए-बरात की रात मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में अपने और पूर्वजों के लिए अल्लाह से इबादत करते है|     मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात (Shab-E-Barat 2022 ) एक प्रमुख त्योहार है। इस्लामिक उर्दू कैलेंडर के अनुसार शब-ए-                बारात का त्योहार शाबान महीने की 14वीं तारीख […]

शब-ए-बारात 2022 (SHAB-E-BARAT FESTIVAL)

शब-ए-बारात – शब-ए-बारात का पर्व मुस्लिमों द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख पर्वों में से एक है। ईस्लामिक उर्दू कैलेंडर के अनुसार यह पर्व शाबान महीनें की 14 तारीख को सूरज डूबने के बाद शुरु होती है और शाबान माह के 15वीं तारीख की रात तक मनायी जाती है। शब-ए-बारात दो शब्दों से मिलकर बना हुआ […]

शब् बरात के बारे मे कुछ जरुरी बातें |

शब-ए-बारात दो शब्दों, शब[1] और बारात [2]से मिलकर बना है, जहाँ शब का अर्थ रात होता है वहीं बारात का मतलब बरी होना होता है। इस्लामी उर्दू कैलेंडर के अनुसार यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख के सूरज डूबने के बाद शुरू होती है। मुसलमानों के लिए यह रात बेहद फज़ीलत वाली रात मानी जाती […]

Shab E Barat Kya Hai

Shab E Barat Kya Hai

Shab-e-Baraat – Gunnahon Se Tauba Karne Wali Raat SHAB-E-BARAT Gunahon per nadamat aur Duaon ki qabuliat ke qeemti lamhat Quran Majid main Irshad-E-Bari Ta’ala hai:” Is raat main her hikmat wala kaam hamaray (Allah Ta’ala ke) samne peish ho kar te kiya jata hai.” (Surah Dukhan) Shah Abdul Aziz Muhdis Dehlwi R.A farmatay hain ke […]