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9 मिनट मे 9 क़ुरआन और एक हज़ार आयात पढ़ने का सवाब…

1. सूरह फ़ातेहा: तीन बार पढ़ने का सवाब दो बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [अत्क़ान: 1/195]

2. आयतुल कुर्सी: चार बार पढ़ने का सवाब एक बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [अहमद: 12896]

3. सूरह ज़िलज़ाल: दो बार पढ़ने का सवाब एक बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [तिर्मिज़ी: 2894]

4. सूरह क़द्र: चार बार पढ़ने का सवाब एक बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [अहमद: 1/282]

5. सूरह आदयात: दो बार पढ़ने का सवाब एक बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [दुर्रे मंसुर: 6/383]

6. सूरह तकासुर: एक बार पढ़ने का सवाब एक हज़ार आयात पढ़ने के बराबर है । [हाकिम: 2081]

7. सूरह काफ़िरून: चार बार पढ़ने का सवाब एक बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [तिर्मिज़ी: 2895]

8. सूरह नसर: चार बार पढ़ने का सवाब एक बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [तिर्मिज़ी: 2895]

9. सूरह एख़लास: तीन बार पढ़ने का सवाब एक बार क़ुरआन पढ़ने के बराबर है । [बुखारी: 4726]

तमाम आमाल का दारो मदार नियत पर है । [मुस्लिम: 1907]

ज़रूरी बात: क़ुरआन मजीद हर्फ़ बा हर्फ़ पढ़ना बहतर और अफ़ज़ल है और क़ुरआन मजीद के हर हर्फ़ के बदले दस नेकीयाँ मिलती है । [तिर्मिज़ी: 2910] और क़ुरआन मजीद क़यामत के दिन अपने पढ़ने वालों की शफ़ाअत करेगा । [अहमद: 2/174]

अल्लाह पाक हम सब को ज़्यादा से ज़्यादा क़ुरआन मजीद पढ़ने और उसे समझने और उस पर अमल करने की तौफ़िक़ अता फ़रमाए । आमीन

As-salam-o-alaikum my selfshaheel Khan from india , Kolkatamiss Aafreen invite me to write in islamic blog i am very thankful to her. i am try to my best share with you about islam.
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