शब ए बारात की रात में क्या पढ़े| 2022 शब ए बरात का रोज़ा कब रखते है|
शब-ए-बारात का रोजा कब है? हिजरी कैलेंडर के अनुसार माह शबन की 14वी तारीख को शब-ए-बारात होता है, 15वी तारीख को कुछ लोग रोजा रखता…
Shab-E-Barat Ki Fazilat(शाबान बरक़त वाली रात)
शब्-ए -बरात बेशुमार हैं शब् -ए-बरात यानि 15th शाबान में बख्शीश व मगफिरत वाली रात हैं हुजूरे पाक ने क़ुरआन में इरशाद फ्रमाया कि. शाबान की रात मैं आसमान दुनिया पर तजल्ली फरमाता है और कबीला बनी कल्ब की तमाम…
शब ए बारात की नमाज और सलामत तस्बीह (हिंदी)
-शब-ए-बरात के नवाफ़िल और सलातुत तस्बीह- शब-ए-बरात पर लोग जितनी नवाफिल नमाज़…
Shab E Barat 2022: इबादत की रात शब-ए-बारात, जानिए कब और कैसे मनाया जाता है|
शब्-ए-बरात की रात मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में अपने और पूर्वजों के लिए अल्लाह से इबादत करते है| मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात (Shab-E-Barat 2022 ) एक प्रमुख त्योहार है। इस्लामिक उर्दू कैलेंडर के अनुसार शब-ए- …
शब-ए-बारात 2022 (SHAB-E-BARAT FESTIVAL)
शब-ए-बारात – शब-ए-बारात का पर्व मुस्लिमों द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख पर्वों में से एक है। ईस्लामिक उर्दू कैलेंडर के अनुसार यह पर्व शाबान महीनें की 14 तारीख को सूरज डूबने के बाद शुरु होती है और शाबान माह के…
शब् बरात के बारे मे कुछ जरुरी बातें |
शब-ए-बारात दो शब्दों, शब[1] और बारात [2]से मिलकर बना है, जहाँ शब का अर्थ रात होता है वहीं बारात का मतलब बरी होना होता है। इस्लामी उर्दू कैलेंडर के अनुसार यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख के सूरज डूबने के…
Dua e masura
Dua e masura in arabic taxt – दुआ ए मासुरा अरबी में بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ اَللّٰھُمَّ أِنِّیْ ظَلَمْتُ نَفْسِیْ ظُلْمًا کَثِیْرًا وَّلَا یَغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّا أَنْتَ فَاغْفِرْلِیْ مَغْفِرَةً مِّنْ عِنْدِكَ وَارْحَمْنِیْ أِنَّكَ أَنْتَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمَ बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम अल्लाहुम्मा…
Haiz Aane Pe Kya Roza Rakhna Chahiye ya Tod Dena Chahiye?
Agar aurat ko haiz/period ghuroob e aftaab(suraj dhalne se pahle) se pehle shuru hojaye, yahan tak ke ek lamha pehle bhi aajaye to aurat ka roza batil hojayega aur use us din ki qaza karni padegi Sheikh Ibn Uthaymeen(r.h) ne…
Laylatul qadr Dua In English
Dua for Lailatul Qadr (the Night of Power) اَللَّهُمَّ اِنَّكَ عَفُوٌّ ، تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّي (Allahumma innaka ‘affuwwun tuhibbul ‘afwa fa’fu ‘anni’) O Allah! You are The One Who forgives greatly, and loves to forgive, so forgive me. اے…