*39 सूरए ज़ुमर -चौथा रूकू*
तो उससे बढ़कर ज़ालिम कौन जो अल्लाह पर झूट बांधे (1)(1) और उसके लिये शरीक और औलाद क़रार दे और हक़ (सत्य) को झुटलाए (2)(2) यानी क़ुरआन शरीफ़ को या रसूले करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की रिसालत को.जब उसके पास आए, क्या जहन्नम में काफ़िरों का ठिकाना नहीं {32} और वो जो यह सच लेकर […]
*39 सूरए ज़ुमर – पाँचवां रूकू*
अल्लाह जानों को वफ़ात देता है उनकी मौत के वक़्त और जो न मरें उन्हें उनके सोते में. फिर जिस पर मौत का हुक्म फ़रमा दिया उसे रोक रखता है (1)(1) यानी उस जान को उसके जिस्म की तरफ़ वापस नहीं करता और दूसरी (2)(2) जिसकी मौत मुक़द्दर नहीं फ़रमाई, उसको एक निश्चित मीआद तक […]
*40 सूरए मूमिन-पहला रूकू*
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला (1)(1)सूरए मूमिन का नाम सूरए ग़ाफ़िर भी है. यह सूरत मक्के में उतरी सिवाय दो आयतों के जो “अल्लज़ीना युजादिलूना फ़ी आयातिल्लाहे” से शुरू होती हैं. इस सूरत में नौ रूकू, पचासी आयतें, एक हज़ार एक सौ निनानवे कलिमे और चार हज़ार नौ सौ साठ […]
जैसे जैसे मेरी उम्र में इजाफा होता गया
जैसे जैसे मेरी उम्र में इजाफा होता गया, मुझे समझ आती गई कि अगर मैं Rs.3000 की घड़ी पहनू या Rs.30000 की दोनों टाईम एक जैसा ही बताएगी। मेरे पास Rs.3000 का बैग हो या Rs.30000 का, इसके अंदर के सामान मे कोई बदलाव नहीं होंगा..!! मैं 300 स्क्वेयर फीट के मकान में रहूं या […]
*38 सूरए सॉद -पहला रूकू*
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला (1)(1) सूरए सॉद का नाम सूरए दाऊद भी है. य सूरत मक्के में उतरी, इसमें पांच रूकू, अठासी आयतें और सात सौ बत्तीस कलिमे और तीन हज़ार सढ़सठ अक्षर हैं.इस नामवर क़ुरआन की क़सम (2){1}(2) जो बुज़ुर्गी वाला है कि ये चमत्कारी कलाम है.बल्कि काफ़िर […]
Nabi ﷺ Ke Noor Ke Bager Kitab Nahi Samaj Sakte
*Nabi ﷺ Ke Noor Ke Bager Kitab Nahi Samaj Sakte.* Is Liye Allah Ne Jitne Bhi Nabi Bheje Hain, Wo Is Liye, Taake Wo Paigambar Amali Namuna Ban Kar Logo Ko Dikhaye, Ke Dekho! Jo Hukam Tumhe Diya Ja Raha Hai, Us Hukam Par Amal Karne Ka Tareeqa Ye Hai. Wo Paigambar Ek Mukammal Namuna […]
मोहब्बत ए रसूल
✿ 🌹 *मोहब्बत ए रसूल ﷺ*🌹 ✿ *┅┈•✿ ͜✯ ͜͡ ͜͡ ✯͜ ✿•┄┅* *_औरत का लफ़्ज़ी मा’ना #01_* *☆=-=-=-=-=-=-=-=-=-☆* بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ *_सुवाल :-_* औरत के लफ़्ज़ी मा’ना क्या हैं ? *_जवाब :-_* औरत के लुगवी मा’ना हैं “छुपाने की चीज़ ।” अल्लाह के महबूब,दानाए गुयूब,मुनज्जहुन अनिल उयूब صَلَّی الله […]
जो लोग क़ुरआन को सिर्फ़ इसलिए नहीं खोलते, क्योंकि वे पढ़ना नहीं जानते
जो लोग क़ुरआन को सिर्फ़ इसलिए नहीं खोलते, क्योंकि वे पढ़ना नहीं जानते, तो वे क़ुरआन पढ़ें. दक्षिण अफ़्रीका में एक अल्लाह वाले बुज़ुर्ग मौलाना यूनुस साहब दावत-ए-हक़ दे रहे थे. जो शख़्स उनकी ख़िदमत में था, रात को उसका इंतक़ाल हो गया. जब बुज़ुर्ग को ख़बर दी गई, तो वह जनाज़े के साथ हो […]
33 सूरए अहज़ाब-पहला रूकू
*33 सूरए अहज़ाब-पहला रूकू* अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला (1)(1) सूरए अहज़ाब मदीने में उतरी. इसमें नौ रूकू, तिहत्तर आयतें, एक हज़ार दो सौ अस्सी कलिमे और पाँच हज़ार सात सौ नब्बे अक्षर हैं ऐ ग़ैब की ख़बरें बताने वाले (नबी) (2)(2) यानी हमारी तरफ़ से ख़बरें देने वाले, हमारे […]
हज़रत दहिया क़ल्बी رضی اللہ تعالیٰ عنہ
हज़रत दहिया क़ल्बी رضی اللہ تعالیٰ عنہ निहायत खूबसूरत थे- तफ्सीर निगार लिखते हैं कि आप का हुस्न इस क़द्र था कि अरब की औरतें दरवाज़ों के पीछे खड़े होकर यानी छुप कर हज़रत दहिया क़ल्बी को देखा करती थीं- लेकिन उस वक़्त आप मुसलमान नहीं हुए थे- एक दिन सरवरे कौनेन ताजदारे मदीना हज़रत […]