आजकल जो सबसे ज़्यादा ख़तरनाक फितना मुस्लिम मुआशरे में चल रहा है वो देवर और भाभी का मेल जोल है, अक्सर इंडिया और पाकिस्तान में आम तौर पर देखा गया है के शादी के बाद लड़की अपने ससुराल में देवर और जेठ के साथ बग़ैर सरई पर्दे के रहती है और इसमें कोई ऐब भी नहीं समझा जाता है
जवान देवर का अपनी भाभी के साथ हँसी मज़ाक़ और छेड़खानी आम है अक्सर औरतें अपने देवर और जेठ के सामने बग़ैर सरई पर्दे के रहती है और जब उनसे पर्दे के बारे में कहा जाये तो कहती है ये तो मेरे छोटे भाई जैसा है

रसूलल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लाम नें इरशाद फ़रमाया :
“(ना महरम) औरतों के पास जाने से बचो , एक अंसारी सहबि फ़रमाने लगे : या रसूलल्लाह ! खाविंद के भाइयों (देवर और जेठ वग़ैरा) से मुतल्लिक आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लाम का क्या हुक्म है ? रसूलल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लम नें फ़रमाया,
“खाविंद के भाई तो मौत हैं मौत.”
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[ यानी इनसे परदा करने और दूर रहने का तो बहुत ज़्यादा एहतेमाम करना है ]
सहीह अल मुस्लिम, वॉल्यूम 5,
हदीस 5674

तिर्मीजी शरीफ़ की एक सहीह हदीस में हुज़ूर सलल्लाहु अलैहि वसल्लाम ने फ़रमाया है कि ,”जब एक औरत और एक मर्द तनहाई में मिलते हैं तो उनका तीसरा साथी शैतान होता है.”
[ जामे तिर्मीजी, हदीस 1171 ]
शैतान हर मुमकिन कोशिश करता है कि देवर और भाभी में हँसी मज़ाक़ के ज़रिए आपस में एक दूसरे के दिल में घर बनाया जाए फिर यही हँसी मज़ाक़ आगे चलकर #ज़िना जैसे भयानक गुनाह को अंजाम देती है, बहुत से घर इस बिना पर उजड़ गए कि देवर और भाभी के नाजायज़ सम्बन्ध बन गए थे इस फितना से बचने की हर मुमकिन कोशिश ज़रूरी है बहतर होगा शादी के बाद अलग रहा जाए या फिर मुकम्मल पर्दे का एहतेमाम किया जाए
अल्लाह हमें सही दीन पर चलने वाला बनाए
अल्लाह सुभानहु व ता’आला से दुआ है कि हम को, घर वालों को, आप लोगों को और सारे मुसलमानों को क़ुरान व सुन्नत व सहाबा के मनहज पर अमल करने वाला बनाए
आमीन या रब्बुल आलमीन
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