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*रब तआला फ़रमाता है👇*
*कंज़ुल ईमान* – और जिन्होंने बुराईयां कमाई तो बुराई का बदला उसी जैसा,और उन पर ज़िल्लत चढेगी उन्हें अल्लाह से बचाने वाला कोई ना होगा, गोया उनके चेहरों पर अंधेरी रात के टुकड़े चढ़ा दिये हैं,
📚 पारा 11,सूरह यूनुस,आयत 27,
और फ़रमाता है
*कंज़ुल ईमान* – और उनके मुंह पर आग लपट मारेगी और वो उसमें मुंह चिड़ाये होंगे (बिगड़े होंगे)
📚 पारा 18,सूरह मोमेनून,आयत 104,
*हदीस शरीफ़* – हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि काफ़िर को दोजख की आग इतना जलायेगी कि उसका जिस्म फूल कर बहुत मोटा हो जायेगा यहां तक कि उसके जिस्म की मुसाफत 3 दीन की राह हो जायेगी उसकी खाल 42 गज़ मोटी उसकी दाढ़ उहद पहाड़ के बराबर उसकी ज़बान 6 मील तक बाहर निकल आयेगी उसके ऊपर का होंठ सिकुड़ कर ऊपर सर तक और नीचे का होंठ लटककर नाफ तक पहुंच जायेगा,
📚 तिर्मिज़ी,जिल्द 2,सफह 198,
*रिवायत* – दोज़खी इस क़दर रोयेंगे कि उनके आंसुओं में कश्तियां चल सकेंगी,
📗 अहवाले बरज़ख़,सफह 78,
अल्लाह तबारक व तआला ने फ़रमाया
*कंज़ुल ईमान* – बेशक मुजरिम लोग (काफिर) ईमान वालो पर हंसा करते थे (दुनिया में) तो आज ईमान वाले काफिरो पर हँसते हैं.तख्तों पर बैठे देखते हैं
📚 पारा 30,सूरह मुतफ्फिफीन,आयत 29-35
*रिवायत* – तफ़्सीर दुर्रे मन्सूर में हज़रते क़तादह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की रिवायत है कि जन्नत में झरोखे यानि खिड़कियां होंगी जिनसे कि वो जहन्नमियों के हालात को देखा करेंगे और जिस तरह दुनिया में काफिर उनकी हंसी उड़ाते थे आज वो उन काफिरों पर हंसी उड़ायेंगे,
📗 अहवाले बरज़ख़,सफह 86,
पिछली 5 पोस्ट में आपने दोज़ख के हालात को मुलाहज़ा फरमाया,कहने को तो ये सारी बातें किताबों में लिखी हुई हैं हो सकता है कि पढ़ने वाले पर असर ना करे लेकिन अगर ईमानी नज़रों से देखें तो ये काफ़िरों और बअज़ मुसलमानों का हाल है,कल क्या होने वाला है ये हमारे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हमको पहले से ही बता चुके हैं लिहाज़ा इसे आम किस्से कहानियों की तरह ना पढ़कर बल्कि अपनी इस्लाह के तौर पर पढ़ें तो इन्शा अल्लाह गुनाहों से बाज़ रहेंगे और आख़िरत की तैयारी करने में भी लग जायेंगे,
*रिवायत* – हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि दोज़ख लज़्ज़तो में छिपा है और जन्नत परेशानियों में
*रिवायत* – एक मर्तबा हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम से पूछा कि मैंने कभी हज़रत मीकाईल को हंसते हुए नहीं देखा तो हज़रत जिब्रील कहते हैं कि जबसे दोज़ख पैदा की गयी है मीकाईल नहीं हंसे
*रिवायत* – हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि खुदा की कसम अगर तुमने वो मंज़र देखा होता जो मैंने देखा है तो ज़रूर तुम कम हंसते और बहुत रोते तो सहाबा ने पूछा कि आपने क्या देखा है तो आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि मैंने जन्नत और दोज़ख देखी है
*रिवायत* – हज़रत यहया बिन मुआज़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि लोग तंगदस्ती से जितना डरते हैं अगर उतना जहन्नम से डरते तो सीधा जन्नत में जाते और हज़रत मुहम्मद बिन मुकदिर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु जब भी रोते तो अपने आंसुओं से अपना चेहरा और दाढ़ी तर कर लेते लोगों ने इसकी वजह पूछी तो फरमाया कि मैंने सुना है की ख़ौफ़े ख़ुदा की वजह से जो आंसू बहेंगे तो जहां जहां वो पहुंचेंगे वो जगह जहन्नम में नहीं जलेगी,
*रिवायत* – हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि जो कोई 3 बार जहन्नम से पनाह मांगे तो जहन्नम रब की बारगाह में अर्ज़ करती है कि ऐ मौला इसे मुझसे महफूज़ रख और फरमाते हैं कि जो कोई 3 बार जन्नत की दुआ करे तो जन्नत उसके लिए रब की बारगाह में अर्ज़ करती है कि ऐ मौला इसे जन्नत में दाखिल फरमा,
📗 अहवाले बरज़ख़,सफह 86-91,
*अल्लाहुम्मा अजिरनी मिनन नार*
*अल्लाहुम्मा अजिरनी मिनन नार*
*अल्लाहुम्मा अजिरनी मिनन नार*
*अल्लाहुम्मा अदख़िलहुल जन्नह*
*अल्लाहुम्मा अदख़िलहुल जन्नह*
*अल्लाहुम्मा अदख़िलहुल जन्नह*
*जन्नत*
Aafreen Seikh is an Software Engineering graduate from India,Kolkata i am professional blogger loves creating and writing blogs about islam.
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