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Dua E Qunoot In Hindi and English

Dua E Qunoot In Hindi

” अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क व नस-तग़-फिरू-क व नु’अ मिनु बि-क व न तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खैर * व नश कुरु-क वला नकफुरु-क व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक * अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नस्आ व नह-फिदु व नरजू रह-म-त-क व नख्शा अज़ा-ब-क इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ * “

तर्जुमा – ऐ अल्लाह, हम तुझ से मदद चाहते हैं ! और तूझ से माफी मांगते हैं तुझ पर ईमान रखते हैं और तुझ पर भरोसा करते हैं ! और तेरी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं और तेरा शुक्र करते हैं।

और तेरी ना सुकरी नहीं करते और अलग करते हैं और छोड़ते हैं, इस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें।

ऐ अल्लाह, हम तेरी ही इबादत करते हैं और तेरे लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं और सजदा करते हैं और तेरी तरफ दौड़ते और झपटते हैं।

और तेरी रहमत के उम्मीदवार हैं और तेरे आजाब़ से डरते हैं, बेशक तेरा आजाब़ काफिरों को पहुंचने वाला है।

Dua e Qunoot In Arabic

اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ

Dua e Qunoot In English

Allah humma inna nasta-eenoka wa nastaghfiruka wa nu’minu bika wa natawakkalu alaika wa nusni alaikal khair, wa nashkuruka wala nakfuruka wa nakhla-oo wa natruku mai yafjuruka, Allah humma iyyaka na’budu wa laka nusalli wa nasjud; wa ilaika nas aaa wa nahfizu wa narju rahma taka wa nakhshaa azaabaka; inna azaabaka bil kuffari mulhik.

Tarjuma:

O Allah! We implore You for help and beg forgiveness of You and believe in You and rely on You and extol You and we are thankful to You and are not ungrateful to You and we alienate and forsake those who disobey You. O Allah! You alone do we worship and for You do we pray and prostrate and we betake to please You and present ourselves for the service in Your cause and we hope for Your mercy and fear Your chastisement. Undoubtedly, Your torment is going to overtake infidels O Allah!

दुआ ए क़ुनूत पढ़ने के फायदे | Dua E Qunoot Ke Fayde

इस दुआ में अल्लाह का आशीर्वाद पाने के लिए कलमे लिखे गए हैं, जिन्हें पढ़कर खुदा का आशीर्वाद पाया जा सकता है।

पैगम्बर मोहम्मद भी इस दुआ को पढा करते थे, इससे ही इस दुआ की अहमियत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, इसलिए खुदा का आशीर्वाद पाने के लिए Dua Qunoot पढा करें।

1. दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से इंशाअल्लाह घर मे बरक्कत आती है।

2. दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है, और बीमारियां दूर हो जाती है।

कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जो पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेती, ऐसी बीमारियां होने पर आपको यह दुआ (Dua Qunut) जरूर पढ़नी चाहिए।

3. दुआ ए कुनूत हिंदी में को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से खुदा पढ़ने वाले को बुरी चीजों से और बुरे लोगों से दूर रखता है।

4. यह दुआ पढ़ने से काम या पढ़ाई में बरक्कत आती है। किताबों में लिखा है, और बहुत से लोगों का कहना है, की दुआ ए क़ुनूत पढ़ने से उनके काम/पढ़ाई में तरक्की आयी है।

इसलिए अगर आप भी अपने काम या पढ़ाई में तरक्की पाना चाहते हैं तो यह दुआ जरूर पढ़ा करें।

बेशक अल्लाह ताला बहुत ही रहीम और करीम है।

दुआ ए कुनूत से जुड़े कुछ सवाल और जवाब

दुआए क़ुनूत ईशा की वित्र नमाज़ मे पढ़ी जाती है।

दुआए क़ुनूत ईशा की वित्र नमाज़ मे पढ़ना वाजिब है।

वित्र कि नमाज़ मे दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढना भूल गए हैं तो फिर आपको सजदए सहव करना पड़ेगा।

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
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