नमाज़ खतम हो गयी, अब घर की महिला प्याज
काटकर, अदरक लसून की पेस्ट बनाकर कुर्बानी
का गोस्त आने की राह देख रही थी । बच्चो की
नजरे भी दरवाजे को चीरती हुइ रस्ते पर लगी थी
– एक हसरत के साथ कि कोइ तो रिश्तेदार –
पहचान वाला होगा जिसने कुर्बानी की होगी
और हमारे लिये गोस्त भिजवायेगा !!
अब तो घड़ी भी 9 के 10 और 11 का वक्त दिखा
कर इस गरीब परिवार के सब्र का इम्तहान ले रही
थी !!! पर कोइ अल्लाह के नेक बंदे को इस गरीब
परिवार की ना तो याद आयी और ना ही
गोस्त आया । कुर्बानी के गोस्त का मजा ही
कुछ और होता है, रोज एक-एक बोटी बांटकर
गोस्त खाने वाले गरीब कुनबे के लिये ईद का दिन
ऐसा होता है जब माँ गिनकर नहीं – मरजी
जितनी बोटियां खिलाती है, पर आज तो….
अब तो माँ का सब्र भी जवाब देने लगा : “या
अल्लाह आज ईद के दिन भी मेरे बच्चे कुर्बानी के
गोस्त से महरुम रहेंगे !! अपने फटे दामन से आंखो की
नमी पोंछते हुये सोच रही माँ के इस सवाल का
जवाब आपसे चाहिये
_____
समाज के कुछ बिलकुल बेजरुरी रीत रिवाजो के
चलते कितने ही गरीब बच्चे कुरबानी के गोस्त से
महरुम रह जाते है, कितनी माँओ की पलके आंसूओ
से भीग जाती है ।
हम क्या करते है, जिनके यहां कुरबानी होती है
उन्ही रिश्तेदारो, दोस्तो और स्नेहीओ के वहां
पहेले गोस्त भेज देते है और वह भी यही गलती
दोहराते हैं । इस दुनियांवी अच्छे लगन वाले
व्यवहार की भूख में कितने ही जरुरतमंद परिवार
इस ईद के मुबारक दिन भी भूखे रह जाते हैं और इनके
हिस्से का गोस्त जिनको जरुर नहीं ऐसे लोग तक
पहुच जाते हैं !!
इस इद उज जुहा के मुबारक मौके पर एक निश्चय –
इरादा करके अपने सारे पहचान वाले को पहेले
इत्तला कर दे के “हमारे घर कुरबानी होने वाली है
– अल्लाह के वास्ते हमे गोस्त मत भेजिये, हमे जरा
भी बुरा नहीं लगेगा हमारी दोस्ती -रिश्तेदारी
मे कोइ फर्क नहीं आयेगा, लेकिन आपके घर के
आसपास ऐसा परिवार हो जो हालात के मारे
कुरबानी ना कर सके हो तो, उनके घर पहेले
कुरबानी का गोस्त पहोचाना, जितना ज्यादा
हो सके इतना !!
ये अमल करना कोइ मुश्किल नहीं, लेकिन यह
अमल ऐसा है जिससे जिस की राहों मे ये
कुरबानी दी है, वह राजी हो जायेगा !!
#कोशिश_जरुर_करना#
- Ramzan Ki Duayen - 28th April 2020
- 15 Short Surah In Hindi – Namaz Ki Surah in Hindi - 28th April 2020
- रमज़ान और मामूलात-ए-नबवी - 28th April 2020