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आपकी पैदाइश 13 रजब(15 सितबर 601)और वफ़ात 21 रमज़ान(29 जनवरी 661)को हुई है।।

आप रसूले अकरम ﷺ के चचेरे भाई और दामाद थे,और आप हज़रत अली के नाम से मशहूर है।आप इस्लामी तारीख के चौथे खलीफा हुए है।

जैसा कि आपको को पूरी दुनिया आपकी दरियादिली और आपके कौल के लिए जानती है,आपकी जाबाज़ी के लिए आपको अल्लाह पाक ने शेर-ए-खुदा के नाम से भी नवाज़ा जाता था,आपने अपनी पूरा ज़िंदगी अल्लाह की ईबादत में लगा दिया, आपने अपने पूरी ज़िंदगी में, इंसानियत और अल्लाह की ईबादत में कई कई सारे कौल लिखे है जिसको यहाँ बयान कर पाना नामुमकिन है,लेकिन रमज़ान का ये वाक़्या जरूर पढिये।।

हजरत अली के घर में सबने रोजा रखा।
हजरत फातिमा ने भी रोजा रखा, दो बच्चे है उनके अभी छोटे है पर रोजा रखा हुआ है।

मगरिब का वक़्त होने वाला है, इफ्तारी का वक़्त होने वाला है, सबके सब मुसल्ला बिछा कर रो-रोकर दुआ मांगते हैं

हजरत फातिमा दुआ खत्म करके घर में गयी और चार (4) रोटी बनाई, इससे ज्यादा उनके घर में अनाज नही है।

हजरत फातिमा चार रोटी लाती है।
पहली रोटी अपने शौहर अली के सामने रख दी,
दूसरी रोटी अपने बड़े बेटे हसन के सामने,
तीसरी रोटी छोटे बेटे हुसैन के सामने रख दी,
ओर एक रोटी खुद रख ली।

मस्जिद-ए-नबवी में आजान हो गयी,
सबने रोजा खोला, सबने रोटी खाई
मगर दोस्तो #अल्लाह_की_कसम वो फातिमा थी जिसने आधी रोटी खाई ओर आधी रोटी को दुपट्टे से बांधना शुरू कर दिया

ये मामला हजरत अली ने देखा और कहा के फातिमा तुझे भूख नही लगी, एक ही तो रोटी है उसमे से आधी रोटी दुपट्टे में बांध रही हो??

फातिमा ने कहा!! ऐ अली हो सकता है मेरे बाबा जान(नबी पाक)को इफ्तारी में कुछ ना मिला हो, वो बेटी कैसे खायगी जिसके बाप ने कुछ खाया नही होगा?

फातिमा दुपट्टे में रोटी बांध कर चल पड़ी है उधर हमारे नबी मगरिब की नमाज़ पढ़ा कर आ रहे हैं हजरत फातिमा दरवाजे पर है देखकर हुजूर कहते हैं ऐ फातिमा तुम दरवाजे पर कैसे, फातिमा ने कहा ए अल्लाह के रसूल मुझे अंदर तो लेके चले।

हजरत फातिमा की आंखों में आंसू थे, कहा जब इफ्तार की रोटी खाई तो आपकी याद आ गयी कि शायद आपने खाया नही होगा इसलिए आधी रोटी दुपट्टे से बांध कर लाई हूँ,

रोटी देखकर हमारे नबी की
आंखों में आंसू आ गए और कहा
#ए_फातिमा अच्छा किया जो रोटी ले आई वरना चौथी रात भी तेरे बाबा की इसी हालात में निकल जाती।
दोनों एक दूसरे को देखकर रोने लगते हैं।

अल्लाह के रसूल ने रोटी मांगी ,
फातिमा ने कहा बाबा जान आज अपने हाथों से रोटी खिलाऊंगी ओर चौडे चोड़े टुकड़े किये और हुजूर को खिलाने लगी।

रोटी खत्म हो गयी और हजरत फातिमा रोने लगती है
हुजूर पाक ने देखा और कहा के फातिमा अब क्यों रोती हो?

कहा अब्बा जान कल क्या होगा?? कल कोन खिलाने आयगा?
कल क्या मेरे घर मे चूल्हा जलेगा ??कल क्या आपके घर में चुहला जलेगा?

नबी ने अपना प्यारा हाथ फातिमा के सर पर रखा और कहा कि फातिमा तू भी सब्र करले ओर मैं भी सब्र करता हूँ।
हमारे सब्र से अल्लाह उम्मत के गुनाहगारों के गुनाह माफ करेगा। अल्लाहु अकबर

ये होती है मोहब्बत जो नबी को हमसे थी, उम्मत से थी।
ये गुनाहगार उम्मती हम ही है जिनके लिए हमारे नबी भूखे रहे, नबी की बेटी भूखी रही।

और आज हमलोग
क्या कर रहे हैं
उनके लिए
कल कयामत के दिन #मैं_ओर_आप_क्या_जवाब_देंगे
आँख में आंसू है मेरे😢

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
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