मुसलमान औरत के कफ़न में 5 और मर्द के कफ़न में कपड़े के 3 तुकडे होते है।
औरत के कफ़न के 2 तुकडों में एक रुमाल (Head Scarf) और दुसरा कपड़ा सीना-बंद (सीने को ढाॅकने के लिए) होता है।
पर अफ़सोस है उस मुसलमान औरत पर जो जिंदगी भर अपना सर और सीना खुला करके चलने में फक्र महसुस करती है, लेकिन मरने के बाद अल्लाह तआला ये दोनों चीज़ों को ढकवा कर अपने पास बुलवाता है।
ये मुसलमान औरत अफसोस है तुझ पर के अल्लाह तआला तुझ से कितनी हया करते है पर शैतान के बेहकावे में आ कर तु सारी जिंदगी अल्लाह तआला से हया नही करती
औरते के अज़ाब
12 गुनाहगार औरतें रब के अज़ाब से नही बच सकती।
1- बे-परदा
2- तेज़ ज़ुबान वाली
3- हर वक्त मौत मांगने वाली
4- दीन (मजहब) का मजाक उड़ाने वाली
5- चुगल खोर
6- एहसान जताने वाली
7- शौहर की ना-फरमान
8- गीबत करने वाली
9- बाल खोल के चलने वाली
10- बिला ज़रुरत घर से निकलने वाली
11- हद से ज्यादा बोलने वाली
12- झुठ बोलने वाली, झुठी बात फैलाने वाली और फ़ितना फ़साद करने वाली।
सब औरते और लडकीयों इस पर अमल करो और लडकों को भी ताके वे अपनी मां, बहन, बीवी और बेटी बचा सके।
मंज़िल तो तेरी यही (कब्रस्तान) थी,
बस जिंदगी गुज़र गयी आते-आते।
क्या मिला तुझे इस दुनिया से,
अपनों ने ही दफना दिया तुझे जाते-जाते।
आज आमाल है, हिसाब नही।
कल हिसाब होगा, आमाल नही।
हमारी छोटी सी दावत पर कोई ना आए तो हम नाराज़ होते है,
अल्लाह तआला की तरफ़ से हमें रोजाना पाँच बार दावत होती है और हम उसके घर नही जाते, क्या वो हमसे नाराज़ ना होगा।
जब कोई लड़का पैदा होता है bतो अल्लाह पाक
फरमाते है जा तु दुनीया में और अपने वालिद की मद्दद कर
और जब कोई लड़की पैदा होती है तो
अल्लाह पाक फरमाते है जा तु दुनिया में मै तेरे वालिद की मद्दद करुगा
सुब्हानल्लाह
रात के वक़्त जब कुत्ते के भोंकने की आवाज सुनाई दे तो अल्लाह की पनाह मानगो क्यों की वो ऐसी मख्लोक देखता है जो हम नहीं देख सकते
बिस्मिल्लाह पढ़ कर दरवाजा बन्द किया करे क्यों की शैतान वो दरवाज़ा नहीं खोल सकता जिसे बिस्मिल्लाह पढ़ कर बन्द किया हो
पानी के बर्तन ढंक के रखा करे खास तौर पर रात के वक़्त
अच्छी और पुरे सकून नींद के लिये दुरूद पाक पढ़ के सोया करे
हर अच्छी बात आप के पास अमानत होती है और अमानत जल्दी लोगो तक पहुचाँ देनी चाहिए
जो शख़्स सोते वक़्त 21 बार पूरी बिस्मिल्ला पड़ता है
अल्लाह पाक फरिश्तों से फरमाते है की इसके हर साँस के बदले नेकी लिखो
किसी तरफ कोई किनारा न होगा ,
गैरो का क्या अपनों का भी सहारा न होगा
“”कर लो मोहब्बत रसूल (सल्ललाहो अलैहे वसल्लम ) से,,!
क्यू की आख़िरत में उनके सिवा कोई हमारा न होगा
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