Namaz ke sarte kitni hai
नमाज़ की सर्त कितनी है? नमाज़ की सर्ते 6 है जिनके बगैर नमाज़ होती ही नहीं. 1.तहारत यानि नमाज़ी के बदन, कपड़े और उस जगह का पाक होना के जिस पर नमाज़ पढ़े. 2.सत्र औरत यानि मर्द को नाफ से…
Namaz Ki Rakat aur Niyat
1.फजर के वक्त कितनी रकात नमाज़ पढ़ी जाती है? ans.फज़र के वक्त कुल चार रकात होती है सबसे पहले दो रकात सुन्नत फिर दो रकात फ़र्ज़ होती है. 2.दो रकात सुन्नत की नियत किस तरह की जाती है? ans.नियत की…
Bimar aadmi namaz kaise padh sakta hai
बीमार की नमाज़ का बयान जो सख्स बीमार की वजह से खड़ा ना हो सकता हो वह बैठ कर नमाज़ पढ़े- बैठे बैठे रुकू करे यानि आगे खूब झुक कर सुबहान रब्बील अज़ीम और फिर सीधा हो जाए और फिर…
Sajda Tilawat Ka Tarika
सिज्दा तिलावत किसे कहते है कुरान मजीद में 14 मकामात ऐसे है के जिन के पढ़ने या सुनने से सज्दा वाजिब होता है उसे सिज्दा तिलावत कहते है सिज्दा तिलावत का तरीका क्या है सिज्दा तिलावत का मस्नुन तरीका ये…
Quran sharif padhne ka tariqa in hindi
करायत यानि कुरान शरीफ पढ़ने का तरीका करायत में कितनी आवाज़ होनी चाहिए मस्ला– करायत में इतनी आवाज़ होनी चाहिए के अगर बहिर ना हो और सोर गुल ना हो तो खुद सुन सके अगर इतनी आवाज़ भो ना हुई…
Shab E Barat Ki Namaz Aur Salatus Tasbeeh
Shab E Baraat – Gunnahon Se Tauba Karne Wali Raat SHAB-E-BARAT Gunahon per nadamat aur Duaon ki qabuliat ke qeemti lamhat Quran Majid main Irshad-E-Bari Ta’ala hai:” Is raat main her hikmat wala kaam hamaray (Allah Ta’ala ke) samne peish ho…
Namaz ke makruhat
नमाज में जो बातें मकरूह हैं वह ये है कपड़े या बदन या दाढ़ी मूंछ से खेलना , कपड़ा समेटना , जैसे सज्दे में जाते वक़्त आगे या पीछे से दामन या चादर या तहबन्द उठा लेना । कपड़ा लटकाना…
Bimar ki namaz ka bayaan in hindi
बीमार की नमाज का बयान | Bimar ki namaz ka bayaan in hindi बीमार की नमाज का बयान अगर बीमारी की वजह से खड़े होकर नमाज़ नहीं पढ़ सकता कि मरज बढ़ जाएगा । या देर में अच्छा होगा ।…
Qaza Namaz Padhne ka Bayan
मसलाः – किसी इबादत को उस के मुकर्ररा वक़्त वर अदा करने को अदा कहते हैं । और वक़्त गुजर जाने के बाद अमल करने को कजा कहते हैं । मसलाः – फर्ज नमाजों की कजा फर्ज है । वित्र की कजा…
Salatul Hajat ki Namaz
हजरत हुजैफा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु रावी हैं कि जब हुजूरे अकदस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को कोई अहम मुआमला पेश आता तो आप उसके लिए दो या चार रकअत नमाज़ पढ़ते । हदीस शरीफ में है कि पहली रकअत में सूरह…