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💖 *निकाह के फज़ाइल* 💖
🖋️ खालिके कायनात ने मर्दो औरत के दरमियान एक दूसरे की महब्बत से सुकून हासिल करने और लुत्फ़ अन्दोज़ होने की जो ख्वाहिश रखी है, उसका नाम *’जिमाअ’* है। इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिये शरीअते इस्लामी ने निकाह का तरीका बताया है।
💐 *निकाह हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की निहायत अहम सुन्नत है।* निकाह आपस में उन्सो महब्बत, इख्लासो हमदर्दी पैदा होने का सबब है। निकाह से दो अजनबी अफराद रिश्तए इज़्दिवाज में मुन्सलिक हो जाते हैं और एक दूसरे के सच्चे हमदर्द और ज़िन्दगी भर के लिये शरीके हयात बन जाते हैं।
*📖 कुरानः -* अल्लाह तआला इरशाद फ़रमाता है : “तो निकाह मे लाओ जो औरतें तुम्हें खुश आयें।”
*📚 (सुरह अन्निसा)*
☞ “और अल्लाह ने तुम्हारे लिए तुम्हारी जिन्स से औरतें बनायीं और तुम्हारे लिए तुम्हारी औरतों से बेटे और पोते और नवासे पैदा किये।”
📚 *(सूरह नहल)*
*🖋️हदीसः -* रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमायाः “दुनिया की तमाम चीजें फायदा उठाने के लिए हैं और दुनिया की बेहतरीन फायदा उठाने की चीज़ नेक औरत है।”
*📗 (मुस्लिम शरीफ़ जिल्द 1, पेज 475)*
*🖋️हदीसः -* रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमायाः “जो मर्द किसी औरत से उसकी इज़्ज़त के सबब निकाह करे, अल्लाह तआला उसकी ज़िल्लत में ज़्यादती करेगा और जो किसी औरत से उसके माल के सबब निकाह करेगा तो अल्लाह तआला उसकी मोहताजी बढ़ायेगा और जो उसके हसब के सबब निकाह करेगा तो उसके कमीनेपन में ज़्यादती फरमाये और जो इसलिए निकाह करे कि इधर उधर निगाह न उठे और पाक दामनी हासिल हो या सिला रहमी करे तो अल्लाह तआला उस मर्द के लिए उस औरत में बरकत देगा और औरत के लिए मर्द में।”
*📗(सुन्नी बहिश्ती जेवर 228)*
*🖋️हदीस : -* हज़रत मआज़ बिन जबल रदियल्लाहु अन्हु से मरवी है : “साहिबे निकाह की नमाज़ बिला निकाह वाले की नमाज़ से चालीस या सत्तर दरजा ज़्यादा अफज़ल है।”
*📗 (नुज़हतुल मजालिस जिल्द 2 पेज 48)*
*📗 (कूव्वतुल कुलूब जिल्द 2, पेज 464)*
*🖋️हदीसः -* रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमायाः *”जो गुरबत के सबब निकाह न करे वह हम में से नहीं।* नीज़ अल्लाह तआला फ़रिश्तों को हुक्म फ़रमाता है कि उसकी पैशानी पर लिख दो कि ऐ सुन्नते रसूल के छोड़ने वाले ! तुझे किल्लते रिज़क की बशारत हो।”
*📗 (नुज़हतुल मजालिसजिल्द 2, पेज 48)*
*🖋️हदीस : -* हज़रत जाबिर रदियल्लाह तआला अन्ह से मरवी है कि *रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमायाः*
☞ “जब तुम में से कोई निकाह करता है तो शैतान कहता है हाय अफसोस इब्ने आदम ने मुझ से अपना दो तिहाई दीन बचा लिया।”
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