Islamic Blog

*_🌹निकाह मैं जल्दी करो…._*

*_लड़की के बालिग़ होते है उसके निकाह करने में जल्दी करना सुन्नत….इसकी दिनी और दुनियावी दोनों चीज़े हमे मअलूम होना चाहिए…._*

_आइये पहले दीन से समझ ले, लड़की को 9 साल के बाद अपने पास सुलाने की इजाज़त नही शरीअत ने लड़की के बालिग़ होने और हैज़ आने की मुद्दत कम से कम 9 साल रखी है… लड़की के बालिग़ होने के बाद उसके जिस्म,दिमाग़, सोच में तेज़ी से बदलाव होते और वह अपने से जुदा जीन्स की तरफ़ माएल होती है,_

_यही हाल लड़को का होता है जब जिस्म जवानी में क़दम रखते है तो उनकी भी एक ख़ुराक़ होती है जब वह हलाल (निक़ाह) तरीके से नही हासिल होती तो जिस्म हराम तरीके से उज़ गिज़ा की जानिब दोढ़ता है,_

_लिहाज़ा इसीलिये मेरे मुस्तफ़ा जाने रहमत ने निक़ाह करने में जल्दी फ़रमाई फ़रमाने रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम है कि :- बन्दे ने जब निकाह कर लिया तो आधा दीन मुकम्मल हो जाता है …अब बाकी आधे के लिए अल्लाह से डरे…_

*_📚:-(मिश्कात शरीफ़, जिल्द-2,सफ़ा-72,हदीस-2972)_*

_सुब्हानल्लाह…हमारे नबी ने हमे दीन मुकम्मल करने का कितना आसान रास्ता बताया है आधा निकाह करके और बाकी अपने रब्बे करीम से डरे उसके जलाल और कहर से डरे उसके अज़ाब से डरे…अगर अल्लाह का डर हमेशा रहेगा तो फ़िर किसी से डर नही लगेगा और गुनाहों से बुरी बातों से भी हम दूर रहेंगे…और अगर निक़ाह न कर सके किसी बिना पर तो उसे चाहिए रौज़ा रखें…._

_और दुनियावी लिहाज़ से हम खुदकी मिसाल देंगे कि 21 की उम्र में निक़ाह हुवा और रब तआला ने 30 तक औलाद से उमरह से फ़ारिग कर दिया, जबकि गेरो में 32-35 साल तक तो शादी ही होती है, बढ़े बुज़ुर्ग कहते है की बाप के काँधे झुकने से क़ब्ल बेटा उसके काँधे तक आ जाना चाहिए….लिहाज़ा अगर कोई बढ़ी वजह जैसे माली हालत, पढ़ाई, रिश्ता न मिलना या बाहर मुल्क में काम करता हो ये सब न हो तो बिला वजह निक़ाह न रोके उसे जल्द से जल्द अंजाम दे…

शादी से पहले लड़की को देखना

*💎हदीसः – रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमायाः ” जब तुम में से कोई किसी औरत को निकाह का पैगाम दे तो अगर उसको देखना मुमकिन हो तो देख ले ।*

*_📚अबु दाऊद जिल्द 1 , पेज 284_*

*💎हदीस : – हज़रत मुगीरा बिन शोअबा से मरवी है , फरमाते हैं , मैंने एक औरत को निकाह का पैगाम दिया , मुझ से रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया ” क्या तुमने उसे देख लिया है ? ” में ने कहा ” नहीं । ” फ़रमाया ” उसे देख लो कि देखना तुम्हारी आप की दाइमी मुहब्बत का ज़रिया है ।*

*_📚तिर्मिजी शरीफ़ जिल्द 1 , पेज 129_*

*💎हदीस : – हज़रत मुहम्मद बिन सल्लमा फरमाते हैं कि मैंने एक औरत को निकाह का पैगाम दिया , मैं उसे देखने के लिए उसके बाग में छिप कर जाया करता था , यहाँ तक कि मैंने उसे देख लिया । ” किसी ने आपसे कहा ” आप ऐसा काम क्यों करते हैं ? हालांकि आप हुजूर सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम के सहाबी हैं ‘ मैंने उसे जवाब दिया कि हमने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इरशाद फ़रमाते सुना है : ” जब अल्लाह तआला किसी के दिल में किसी औरत से निकाह की ख्वाहिश डाले और वह उसे पैगामे निकाह दे तो उसकी जानिब देखने में कोई हरज नहीं ।*

*_इब्ने माजा पेज 134 )_*

*📚हदीस : – हज़रत आयशा रदियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं कि हजरत जिब्राईल अलैहिस्सलाम मेरी तस्वीर सुर्ख रेशम के कपड़े में लपेट कर हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास लेकर आये और आपसे फरमाया यह आपकी अहलिया हैं दुनिया और आख़िरत में ।*

*_📚तिर्मिजी शरीफ़ जिल्द 2 , पेज 226_*
_*📚सलिक़ा -ए- ज़िन्दगी, सफा 1920*_
*_📚करीना ए जिन्दगी सफह 39_*

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
mm

One Response