बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहिम
रमजान उल मुबारक मे पढने कि दुआ
रमजान उल मुबारक कि दुआ पढने के पहले और बाद दरूद शरीफ जरूर पढे !
Ramzan Ul Mubarak Me Padhne Ki Dua |
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(1) ऐं अल्लाह हमारी जबान पर कलमा-ए-तय्यबा हमेशा जारी रख | |
(2) ऐं अल्लाह हमे कामिल ईमान नसीब फरमा और पुरी हिदायत अता फरमा | |
(3) ऐं अल्लाह हमे पुरे रमजान कि नेमते , अनवार व बरकत से माला माल फरमा | |
(4) ऐं अल्लाह हम पर अपनी रहमत नाजील फरमा , करम कि बारीश फरमा और रीज्के हलाल अता फरमा | |
(5) ऐं अल्लाह हमे दिने इस्लाम के येह्काम पर मुक्क्मल तौर पर अमल करनेवाला बनादे | |
(6) ऐं अल्लाह तू हमे अपना मोहताज बना , किसी गैर का मोहताज ना बना | |
(7) ऐं अल्लाह हमे लैलतुल कद्र नसीब फरमा | |
(8) ऐं अल्लाह हमे हज मकबूल व मबरूर नसीब फरमा | |
(9) ऐं अल्लाह हमे झूट, गीबत, बुगज व किनह, बुराई व झगडे, फसाद से दूर रख | |
(10) ऐं अल्लाह हम से तंग्दस्ती खौफ घब्राहट और कर्ज के बोज को दूर फरमा | |
(11) ऐं अल्लाह हमारे सगीरा और कबीरा गुनाहो को माफ फरमा | |
(12) ऐं अल्लाह हमको दज्जाल के फित्ने, शैतान और्व नफ्स के शर से महफुज रख | |
(13) ऐं अल्लाह औरतो को परदे किं पुरी पुरी पाबंदी करने कि तौफिक अता फरमा | |
(14) ऐं अल्लाह हर छोटी बडी बिमारी से हमे और कुल मोमिनीन व मोमिनात को महफुज रख | |
(15) ऐं अल्लाह हमे तकवा और पर्हेज्गारी अता फरमा | |
(16) ऐं अल्लाह हमे हुजूर अक्दम ﷺ के प्यारे तरीके पर कायम रख | |
(17) ऐं अल्लाह हमे हुजूर अकरम ﷺ कि सुन्नत पर चलने कि तौफिक अता फरमा | |
(18) ऐं अल्लाह हमे कयामत के दिन हुजूर ﷺ के हातो से `जाम-ए-कौसर नसीब फरमा | |
(19 ) ऐं अल्लाह हमे कयामत के दिन हुजूर ﷺ कि शफाअत नसीब फरमा | |
(20) ऐं अल्लाह तू अपनी महोब्बत और अपने आका ﷺ कि महोब्बत हमारे दिलो मे डाल दे | |
(21) ऐं अल्लाह हमे मौत कि सख्ती से और कब्र्र के अजाब से बचा | |
(22) ऐं अल्लाह मुनकीर नकीर के सवालात हम पर आसन फरमा | |
(23) ऐं अल्लाह हमे कयामत के रोज अपना दीदार नसीब फरमा | |
(24) ऐं अल्लाह हमे जन्नतुल फिरदोस मे जगह अता फरमा | |
(25) ऐं अल्लाह हमे कयामत के गर्मी से और जहन्नम कि आंग से महफुज फरमा | |
(26) ऐं अल्लाह हमे और तमाम मोमिनीन व मोमिनात को हशर कि रूसवाई से बचा | |
(27) ऐं अल्लाह नाम-ए आमाल हमारे दाहने हाथ से नसीब फरमा | |
(28) ऐं अल्लाह अपने अर्श के साये मे जगह अता फरमा | |
(29) ऐं अल्लाह पूल-सिरात पर बिजली कि तरह गुजरने कि तौफक अता फरमा | |
(30) ऐं अल्लाह हमे दोनो जहा मे रसुले पाक ﷺ का गुलाम बना के रख | |
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