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☝🏻 #उन_चीज़ों_का_बयान_जिनसे_मोहताजी_और #तंगदसती_आती_है
● गुनाहों में मुब्तिला रहना।
● ज़िना करना।
● झूट बोलना।
● झूटी कसमें खाना।
● बरहना (नंगे) पेशाब करना।
● रात में झाडू देना।
●बगैर हाथ , मुँह धोए हालते जनाबत (नापाकी की हालत) में खाना।
● पायजामा या दामन या आँचल से मुँह पोंछना।
● हद से ज्यादा सोना।
● रात में नंगा होकर सोना।
● फकीरों से रोटी के टुकड़े खरीदना।
● खुश्क बालों में कंघा करना या खड़े होकर बाल काढ़ना।.
● टूटा हुआ कंघा इस्तेमाल करना।
● माँ – बाप का नाम लेकर पुकारना।
● कैंची से मूए ज़ेरे नाफ़ साफ़ करना।
●चालीस दिन से ज़्यादा मूए जेरे नाफ़ का दूर न करना।
● बुजुर्गों के आगे चलना।
● दरवाजे पर बैठने की आदत बनाना।
● घर से मकड़ी के जाले को दूर न करना।
● जूंको ज़िन्दा छोड़ देना।
● नमाज़ में सुस्ती करना।
● फटे हुए कपड़े को न सीना।
● सुबह के वक़्त सोना।
● औलाद पर बावजूद मालदारी के तंगी करना।
●खाने के बाद बर्तन साफन करना।
● अहलो अयाल से लड़ते रहना।
● मय्यत के करीब बैठकर खाना।
● खाने पीने के बर्तन खुले हुए रखना।
● चिराग फूंक मारकर बुझाना।
● बाज़ार में सबसे पहले जाना और बाद में आना।
● औंधे जूते को देखना और उसको सीधा न करना।
● औलाद को गाली देना या उस पर लानत करना।
● फकीर को झिड़क देना।
● बायां पाँव पहले पायजामे में डालना।
● कब्रिस्तान में हंसना।
● कूड़ा करकट घर में जमा रखना।
● सुबह होते ही अल्लाह व रसूल का नाम लिए बगेर दुनियावी कामों में मशगूल हो जाना ।
● मगरिब और इशा के दरमियान सोना।
📙 (#सुनी_बहिश्ती_ज़ेवर_पेज_448_452 + #पन्दनामा_पेज_43_44)
Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
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