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इमामे आज़म अबू हनीफा رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ के पड़ोस में एक शराबी नौजवान रहता था- इमामे आज़म रात में कुतुब का मुताला करने के लिए शब बेदारी फरमाते थे- आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ और उस शराबी के दरमियान एक दीवार हाइल थी वो नौजवान शराब पीता और ये शअर पढ़ा करता:
*سَأُنْشِدُھُمْ اِذَا مَاھُمْ جَفَوْنِیْ اَضَاعُوْنِیْ وَاَیَّ فَتًی اَضَاعُوْا*
तर्जुमा:
“वो जब भी मुझ पर ज़ुल्म करते हैं मैं उनसे यही कहता हूं… तुमने मुझे ज़ाया कर दिया और अफसोस ! कैसे कड़ियल जवान को ज़ाया कर दिया-”
वो इस शअर को दोहराता रहता,रफ्ता रफ्ता इमामे आज़म علیہ رحمۃ اللہ الاکرم उसके इस कलाम से मानूस हो गए- एक दिन इमामे आज़म ने उसकी आवाज़ ना सुनी तो फज्र के लिए जाते वक़्त उसके बारे में मालूम किया तो आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ को बताया गया कि:
“कोतवाल ने उसे नशे की हालत में पाया तो जेल में डाल दिया-“

तो आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ फज्र अदा करने के बाद कोतवाल के घर तशरीफ ले गए और उसका दरवाज़ा खटखटाया और अपने आने की इत्तिला की तो कोतवाल फौरन नंगे सर बरहना पा बाहर निकला और आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ का हाथ चूम कर अर्ज़ करने लगा:
“या सय्यदी! मैं कब से इतना मुअज़्ज़ज़ हो गया कि आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ को खुद चल कर मेरे पास आना पड़ा?”
तो आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ ने फ़रमाया:
“मेरे एक पड़ोसी को गुज़िश्ता रात क़ैद कर लिया गया है मैं उसके लिए आया हूं-”
कोतवाल बोला:
“या सय्यदी ! मैं आपको गवाह बनाता हूं कि मैंने उसे आज़ाद कर दिया और गुज़िश्ता रात जितने लोगों को भी क़ैद किया गया मैं सबको आज़ाद कर देता हूं-”

फिर जब इमामे आज़म علیہ رحمۃ اللہ الاکرم वापस लौटे तो वो शख्स आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ के साथ था आप उसकी तरफ मुतावज्जह हुए और फरमाया:
“ऐ मेरे भाई! क्या हमने तुम्हें ज़ाया किया?”
और क्या हमने तुम्हारे इस क़ौल कि
“उन्होंने मुझे ज़ाया कर दिया- और अफसोस कैसे कड़ियल जवान को ज़ाया कर दिया-”
की रिआयत करते हुए हमने तुम्हारे हक़ की पासदारी ना की?
वो कहने लगा:
“खुदा की क़सम ! आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ ने मुझे ज़ाया नहीं किया बल्कि मेरी रिआयत की.. अल्लाह عز و جل आपको पड़ोसियों की जानिब से अच्छी जज़ा दे और मैं आपको गवाह बना कर अल्लाह عز و جل की बारगाह में तौबा करता हूं-”
फिर वो आप رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ की इत्तिबा करने लगा और मरते दम तक अल्लाह عز و جل की इबादत में मशगूल रहा..!!

Aafreen Seikh is an Software Engineering graduate from India,Kolkata i am professional blogger loves creating and writing blogs about islam.
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