★ *सुन्नते रसूल ﷺ पर अमल करते रहना मुहब्बते रसूल की दलील है*
★ *सुन्नते रसूल ﷺ पर अमल करते रहना जन्नत में हुजूर ﷺ के साथ का बाइस है*
★ *सुन्नत की तरफ रगबत करना हिदायत पर होने की दलील है*
★ *किसी मुआमले में इख्तिलाफ हो तो हुजूर ﷺ और आपके खुल्फा ए राशिदीन के अकवाल व आमाल की तरफ रुजुअ करते हुए उसे हल करना चाहिये*
★ *सुन्नतों पर सख्ती के साथ अमल करने का हुक्म है*
★ *सुन्नतों पर तसल्लुब के साथ काइम रहना 100 शहीदों के सवाब का बाइस है*
★ *हुजूर ﷺ की पैरवी सबके लिये लाजिम है हत्ता कि अम्बियाए किराम के लिये भी*
★ *सुन्नत पर अमल करने वाले के लिये जन्नत की खुली बशारत है*
★ *तरीकाए रसूल ﷺ के मुखालिफीन के साथ जिहाद बिल-यद, जिहाद बिल-लिसान और जिहाद बिल-कल्ब का हुक्म है*
डॉ. इकबाल लिखते हैं:
*तरीके मुस्तफा को छोडना है वजहे बरबादी*
*इसीसे कौम दुनियामे हुई बे-इक़्तेदार अपनी*
*हमें करनी है शहनशाहे बत्हा की रजा जुई*
*वोअपने होगये तो रहमते परवरदिगार अपनी*
*अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ है कि हमें सख्ती के साथ सुन्नते रसूल ﷺ पर अमल पैरा रहने और उसे आम करने की तौफीक अता फरमाए। आमीन*
*📚 बरकाते सुन्नते रसूल पेज न.081*
*अल्लाह तबारक व तआला हमे कहने सुनने से*
*ज्यादा अमल करने की नेक तौफीक अता करें
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