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पीर मेहर अली शाह رحمتہ اللہ علیہ गोलड़ा के प्लेटफार्म पर बैठे हुए थे वहीं प्लेटफार्म पर एक अंग्रेज़ अफसर भी अपनी ट्रेन का इंतज़ार कर रहा था उसने दूर से देखा कि एक फक़ीर बैठा है फटी हुई गुदड़ी बगल में मुसल्ला हाथ में तस्बीह है उसे जुस्तजू हुई और कुछ टाइम पास की नियत से हज़रत मेहर अली शाह की तरफ बढ़ा और पास जाकर उनकी तस्बीह की तरफ इशारा करके बोला: बाबा ये क्या है?

पीर मेहर अली शाह رحمتہ اللہ علیہ ने नज़र उठा कर देखा एक अंग्रेज़ अफसर कांधे पर बंदूक लिए खड़ा है पीर मेहर अली शाह ने उस अंग्रेज़ की बंदूक की तरफ इशारा करके पूछा: ये क्या है?
उस अंग्रेज़ ने कहा : ये मेरा हथियार है !
पीर मेहर अली शाह ने कहा: ये मेरा हथियार है !

वो अंग्रेज़ खामोश हो गया फिर थोड़ी देर के बाद सवाल करता है बाबा ये तुम्हे किसने दिया?
पीर मेहर अली शाह ने फ़रमाया : ये तुझे किसने दिया?
वो अंग्रेज़ बोला: ये मुझे मेरे सीनियर ऑफिसर ने दिया है मेरे बॉस ने दिया है !
पीर मेहर अली शाह ने फ़रमाया: ये मुझे मेरे बॉस ने दिया है मेरे ग़ौसे आज़म ने अता किया है !

वो अंग्रेज़ फिर खामोश हो गया कुछ देर बाद फिर सवाल करता है: बाबा ये किस काम आती है?
पीर मेहर अली शाह ने उसकी बंदूक की तरफ इशारा करके फ़रमाया: ये किस काम आती है?
वो अंग्रेज़ अफसर बोला इसका कमाल देखना चाहते हो आपने फरमाया : दिखा ! वो बोला:वो सामने पेड़ नज़र आ रहा है
आपने कहा: हां,
कहा उस पर बैठी चिड़िया नज़र आ रही है !
फ़रमाया: नज़र आ रही है
बोला: अब देखो मेरे हथियार का कमाल ये कहकर निशाना लगाया और ट्रिगर दबा दिया चिड़िया एक लम्हे में पेड़ से ज़मीन पर आ गिरी और तड़प कर मर गई वो अंग्रेज़ सीना तान कर बोला: देखा मेरे हथियार का कमाल !

पीर मेहर अली शाह رحمتہ اللہ علیہ मुस्कुरा कर खड़े हुए उस चिड़िया के क़रीब पहुंचे और अपनी तस्बीह उस चिड़िया के बदन से मस (टच) कर दी चिड़िया फड़फड़ाई और ज़िंदा होकर वापस पेड़ पर जाकर बैठ गई !
पीर मेहर अली शाह ने फ़रमाया: देखा मेरे हथियार का कमाल ! तेरा हथियार मख्लूक़ को मौत देता है, और मेरा हथियार मख्लूक़ को ज़िन्दगी और राहे हिदायत अता फरमाता है ! अब बता किसका हथियार बेहतर है !

वो अंग्रेज़ अफसर आपके क़दमों पर गिर पड़ा और बेसाख्ता बोल उठा हुज़ूर बिला शुब्हा आपका हथियार बेहतर है ये सिर्फ मख्लूक़ को ज़िन्दगी ही नहीं देता बल्कि मुझ जैसे बेईमान को ईमान की दौलत भी अता फरमा देता है और ये कहकर फौरन कलमा पढ़ कर मुसलमान हो गया..!!!

Asalam-o-alaikum , Hi i am noor saba from Jharkhand ranchi i am very passionate about blogging and websites. i loves creating and writing blogs hope you will like my post khuda hafeez Dua me yaad rakhna.
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