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‪#‎सवाल‬ वसीला क्या है ??
‪#‎अल_जवाब‬ ;- जिसके ज़रिये किसीसे क़ुर्ब और नज़दीकी हासिल की जाये उसको वसीला कहते हैं .
(Al-Taarifaat, Pg-225)

सहाबा -ए-कराम और तमाम बुजुर्गाने -दीन बल्कि खुद हुज़ूर सल्लल्लाहु -अलैहि -वसल्लम का यही अक़ीदा हैं की बुजुर्गो को वसीला बनाना जाइज़ हैं , ज़िन्दगी मे भी और (ज़ाहिरी ) वफ़ात के बाद भी !
»»»►क़ुरान :
“ए ईमान वालो ! अल्लाह से डरो और उस की तरफ वसीला धून्डो ”
(Soora Maida , Ayat 35)
»»»►क़ुरान:
और जब उनके पास अल्लाह की वो किताब (क़ुरान ) आई जो उनके साथ वाली किताब (तौरेत )की तस्दीक फरमाती है , और इस से पहले वो उसी नबी के ‘ वसीले ‘ से काफिरों पर फतह मांगते थे , तो जब टैरिफ लाया उनके पास वो जाना पहचाना उस से मुनिकिर हो बैठे , तो अल्लाह की लानत मुंकिरों पर
(S.BAKRAH:89)
अल हदीस :
“हज़रत उस्मान बिन हनीफ को हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने ये दुआ मांगने का हुकुम दिया (ए अल्लाह ! मैं तेरे नबी के वसीला जलील से तेरी तरफ तवज्जा करता हु या रसूल अल्लाह मैं आप के वसीले से अपने रब की तरफ अपनी हाजत के बारे में मुवज्जा हु तकाय वह पूरी हो जाये , या अल्लाह तू मेरे बारे मैं हज़ूर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की शफ़ाअत क़बूल फरमा )”
►”तिर्मिज़ी शरीफ , जिल्द अवल ,अब्वाबुद्दावा , हदीस # 1504 , Page 653

अलियुल मुर्तज़ा र अ फरमाते हैं .
मैंने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सुना :
“अब्दाल , शाम में होते हैं , ये 40 मर्द हैं , इनमे से जब कोई एक मरता है तो खुदा उसकी जगह दूसरा मुक़र्रर कर देता है , इनके वसीले से बारिश होती है , इनके वसीले से जंग में फ़तेह मिलती है , और इनके वसीले से शाम वालो पर से अज़ाब दफा किया जाता है .”
►मिश्कात ,जिल्द -1, बाब -यमन -ओ -शाम

इमाम शाफ़ई रहमतुल्लाह आलेही फरमाते हैं :
मुझे जब कोई हाजत पेश आती है , मैं २ रकत नमाज़ अदा कर के इमाम -ए-आज़म के मज़ार -ए-पर अनवर पैर जा कर दुआ मांगता हूँ ,
“अल्लाह मेरी हाजत पूरी कर देता है .”
(खैरात -उल -हिसन, पेज .न. 230)

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