फ़िरऔ़न की बेटी की कंघी करने वाली ह़ज़रत मूसा अ़लैहिस्सलाम पर ईमान ला चुकी थी एक दिन वह कंघी कर रही थी कि कंघी हाथ से नीचे गिर पडी़ उस के मुँह से बेसाख़्ता निकला “खुदा के काफिर का बुरा हो” फ़िरऔ़न की बेटी नबे पूछा कौन से खुदा का तुमने ज़िक्र किया है बोली जिस ख़ुदा का पत्ता हज़रत मूसा अ़लैहिस्सलाम ने दिया है फ़िरऔन की बेटी त़ैश में आकर बोली क्या तुम भी मूसा अ़लैहिस्सलाम को मानति हो ओर मेरे अब्बा के खुदा होने का ईन्कार करती हो…??….
बोली बेशक तम्हारा बाप झूटा है खुदा वही एक खुदा है जिसने मुझे तुझे और तेरे बाप को भी पैदा किया और मूसा अ़लैहिस्सलाम के अपना पैग़म्बर बना कर भेजा फ़िरऔन की बेटी गुस्स़े में आकर बाप के पास पहुँची और सारा किस्सा़ उसे सुना दिया फ़िरऔ़न ने उस मोमिना लडकी को बुला कर पूछा कि क्या यह बात सच्ची है …? जो मैंने अपनी बेटी से सुनी है बोली बिल्कुल सच है मैं तुझे खुदा हरगिज़ नहीं मानती और में मूसा अ़लैहिस्सलाम का कलिमा पढ़ती हूँ फ़िरऔन ने जल्लाद को बुलाकर उसे लिटाकर उसके हाथ और पैंरो में मेखे ठुकवाकर उसे सख़्त ईज़ा दी फिर उसकी एक दूध पीती बच्ची को मंगवाकर उसके सामने लिटाकर हुक्म दिया की माँ के सामने बच्ची को ज़िबह कर दो यह मन्ज़र देखकर मोनिना बेइख्त़ियार चीख उठी उसी वक़्त उस दूध पीती बच्ची को खुदा ने ज़बान अ़ता़ फ़रमाई और कहने लगी एे माँ…
#_मत_परेशान_हो_तू_सब्र_व_शुक्र_कर
#_मैंने_देखा_है_तेरा_जनन्त_में_घर
ए माँ !!..ख़बरदार अपना ईमान न छाड़ना स़ब्र और शुक्र से मेर और तकलीफ़ बर्दाश्त कर..!…खुदा ने तुम्हारे लिए जऩ्नत में घर बना रखा हैं..थोडी देर के बअ़द हम दोनों वहाँ पहुँच कर अबदी राहत (हमेशा का आराम) पालेंगी !!…चुनान्चे ज़ालिम नें दोनों को शहीद कर दिया…!!!….
सब से बडी़ अल्लाह की एक नेअ़मत इस्तिकाम भी है सैंकडों जोर व जुल्म होने के बावुजूद अपने मसलक-ए-हक पर डटे रहना बहुत बडा जिहाद है….
लेकिन अफ़सोस आजकल बिरादरी की खुशी हास़िल करने के लिए शरीअ़त को छोड दिया जाता है..!..मुसलमान का शेवा यह होना चाहिए कि रसूलुल्लाह (सल्लअल्लाहु अ़लैहि वस्सलम ) मेरे अ़मल से न भाई खुश हैं न खुवेश खुश हैं…!!..
मगर मैं समझा हूँ इसको अच्छी दलील यह है कि आप खुश है……….
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