1. क़ुरआन
क्या तुम्हे नहीं पता के आसमानो और ज़मीन की बादशाही अल्लाह की ही है और अल्लाह के सिवा तुम्हारा कोई भी हिमायती और मदद करने वाला नहीं है,
(पारा-2, सूरेह-अल-बकरा, आयत नो, 106)
2. क़ुरआन
जो लोग ईमान लाये, और हिज़रत की और अल्लाह की रह में अपने माल और अपनी जानो से जिहाद किया अल्लाह के लिए(उनके लिए) बड़ा दर्ज़ा है. और
वही है जो मुराद (कामियाबी हासिल) वाले हैं,
(पारा-10, सूरेह-अत-तौबा, आयत नo-20)
3. क़ुरआन
जो कोई आख़िरत की खेती चाहता होगा, हम उससे उसकी खेती मई बढ़ोतरी (बरकत) करेंगे. और जो कोई दुनिया की खेती चाहता होगा, उससे उसमे से देंगे और उसका आख़िरत मै कोई हिस्सा नहीं.
(पारा–25, सूरेह – अस-सूरा, आयत नo– 20)
हदीस:
नुमान बिन बशीर (रज़ि.) से रिवायत है की रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
“क़यामत के दिन जहन्नमी लोगों में सबसे काम अज़ाब पाने वाला वो शख्स होगा जिसके दोनों पैरों के नीचे आग के अंगारे रख दिए
जाएंगे, जिस की वजह से उस का दिमाग हांड़ी की तरह खौलेगा,
(सहीह अल-बुखारी (हदीस नo.6562)
हज़रात अली (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) इरशाद फरमाते हैं
“हमेशा अपनी छोटी-छोटी गलतियों से बचने की कोशिश करो क्यों की इन्सान पहाड़ों से नहीं छोटे पत्थरों से ठोकर खता है”
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