(पोस्ट ) “सच्ची हिकायत“
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अल्लाह ने जब हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का पुतला मुबारक तैयार फ़रमाया तो फ़रिश्ते हज़रात आदम अलैहिस्सलाम के इस पुतला मुबारक की ज़ियारत करते थें । मगर शैतान जल भून गया।
एक मर्तबा उस मरदूद ने बुग्ज़ व कीने में आकर हज़रते आदम अलैहिस्सलाम के पुतले मुबारक पर थूक दिया। यह थूक हज़रते आदम अलैहिस्सलाम के नाफ मुबारक के मक़ाम पर पड़ी । अल्लाह तआला ने जिब्रइल अलैहिसलाम को हुक्म दिया की इस जगह से उतनी मिटटी निकल कर उस मिटटी का कुत्ता बना दो ।
चुनांचे उस शैतान के थूक से मिली मिटटी का कुत्ता बना दिया गया।
यह कुत्ता आदमी से मानूस इसलिए है की मिटटी हज़रते आदम अलोहिस्सलाम की है और पलीद (गन्दा) इसलिए है की थूक शैतान की है। रात को जगता इसलिए है की हाथ इसमें जिब्राइल अलैहिस्सलाम के लगे हैं।
📜 रिहूल ब्यान जिल्द 1, सफा 68
🌹 सबक ~
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शैतान के थूक से हज़रते आदम अलैहिस्सलाम का कुछ नहीं बिगड़ा। मगर मक़ामे नाफ़ शिकम (पेट) के लिये
वजहे ज़ीनत बन गया।
इसी तरह अल्लाह के बारगाह में गुस्ताख़ी करने से उन अल्लाह वालों का कुछ नहीं बिगाड़ता है बल्कि उनकी शान और भी चमकती है।
यह भी मालूम हुआ की अल्लाह वालों को हसद व नफ़रत की निगाह से देखना शैतानी काम है
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